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Share Market में तबाही: 8 दिनों में 27 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, निवेशकों की चिंताएं बढ़ीं!

भारतीय शेयर बाजार (Share Market) इन दिनों भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। लगातार आठ सत्रों की गिरावट ने निवेशकों को गहरी चिंता में डाल दिया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 15 Feb 2025 09:19:53 PM IST

Share Market Crash

Share Market Crash - फ़ोटो Social Media

बीएसई सेंसेक्स के आंकड़ों के अनुसार, 5 फरवरी 2025 को कुल बाजार पूंजीकरण ₹42,80,3611.66 करोड़ था, जो अब घटकर ₹40,09,9281.11 करोड़ पर आ गया है। इसका मतलब यह हुआ कि केवल आठ दिनों में ही बाजार से 27 लाख करोड़ रुपये साफ हो चुके हैं।

गिरावट की प्रमुख वजहें – विदेशी निवेशकों की बिकवाली बनी सिरदर्द

विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार बिकवाली है। वैश्विक स्तर पर बाजार की कमजोर धारणा ने भी घरेलू निवेशकों का विश्वास हिला दिया है।

  1. अमेरिकी अनिश्चितताएं: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित आर्थिक नीतियों को लेकर निवेशक चिंतित हैं। वैश्विक व्यापारिक माहौल में बढ़ती अनिश्चितता भी बाजार पर दबाव बना रही है।
  2. ऊंचे वैल्यूएशन: भारतीय शेयर बाजार के अधिकतर स्टॉक्स पहले ही ऊंची कीमतों पर ट्रेड कर रहे थे, जिससे निवेशकों में सतर्कता बढ़ी।
  3. बजट का ठंडा रिस्पॉन्स: हाल ही में पेश केंद्रीय बजट से बाजार को कोई खास मजबूती नहीं मिली, जिससे गिरावट को रोकने के लिए कोई ठोस आधार नहीं बन पाया।
  4. ब्याज दरों में कटौती की संभावना धूमिल: भारतीय रियल एस्टेट और अन्य सेक्टरों को लेकर निवेशकों की उम्मीदें कम हो रही हैं क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं कमजोर पड़ रही हैं।
  5. कॉर्पोरेट कमाई में सुस्ती: कंपनियों की आय में अपेक्षित वृद्धि नहीं दिख रही, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।

निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?

* लॉन्ग-टर्म पर्सपेक्टिव रखें – बाजार में शॉर्ट-टर्म गिरावट से घबराने के बजाय मजबूत कंपनियों में निवेश बनाए रखें।
* बिग गिरावट पर खरीदारी का मौका – बाजार में गहराई से आई गिरावट लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए अच्छी एंट्री पॉइंट साबित हो सकती है।
* ग्लोबल फैक्टर्स पर नज़र रखें – अमेरिकी बाजार की हलचलब्याज दरों में बदलावऔर कॉर्पोरेट आय के नए आंकड़े बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।

बाजार में इस समय भारी उथल-पुथल हैलेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पॉसिबिलिटी इसे जल्द संभाल सकती है। ऐसे में घबराने के बजाय स्मार्ट इन्वेस्टमेंट रणनीति अपनाने की जरूरत है। अब देखना यह होगा कि बाजार कब तक इस गिरावट से उबरता है