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Indian Railways: रेलवे ने बदल दिया यह नियम, ट्रेन में आरामदायक सफर के लिए जानें पूरी डिटेल

Indian Railways: रेल यात्रा में यात्रियों की सुविधा और आराम बनाए रखने के लिए भारतीय रेलवे ने लोअर बर्थ और मिडिल बर्थ के इस्तेमाल के स्पष्ट नियम बनाए हैं। अक्सर यात्रियों के बीच यह भ्रम होता है कि बर्थ का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए, खासकर रात के समय

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 22 Oct 2025 08:59:31 AM IST

Indian Railway

भारतीय रेलवे - फ़ोटो Google

Indian Railways: रेल यात्रा में यात्रियों की सुविधा और आराम बनाए रखने के लिए भारतीय रेलवे ने लोअर बर्थ और मिडिल बर्थ के इस्तेमाल के स्पष्ट नियम बनाए हैं। अक्सर यात्रियों के बीच यह भ्रम होता है कि बर्थ का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए, खासकर रात के समय जब सभी सो रहे होते हैं। इसलिए यात्रा शुरू करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि कौन सी बर्थ कब और कैसे इस्तेमाल की जा सकती है।


लोअर बर्थ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे दिन और रात दोनों समय यात्रियों के बैठने और सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। रेलवे के नियमों के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लोअर बर्थ वाले यात्री मिडिल बर्थ पर सो रहे यात्रियों को रोक नहीं सकते। यानी इस समय कोई मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी बर्थ पर सोना चाहे, तो उसे रोकना या किसी प्रकार का जुर्माना लगाना उचित नहीं है। दिन के समय, यानी सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक, लोअर बर्थ वाले यात्रियों को मिडिल बर्थ वाले यात्रियों को बैठने की जगह देने की जिम्मेदारी होती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी यात्री आराम से बैठ सकें और सीटिंग व्यवस्था व्यवस्थित रहे।


मिडिल बर्थ वाले यात्री रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच अपनी बर्थ खोलकर सो सकते हैं। यह समय सोने का निर्धारित समय माना जाता है और इस दौरान मिडिल बर्थ का इस्तेमाल पूरी तरह वैध है। दिन के समय, यानी सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक, मिडिल बर्थ को बंद रखना जरूरी है ताकि लोअर बर्थ वाले यात्रियों को बैठने की जगह मिल सके। यदि कोई यात्री रात 10 बजे से पहले मिडिल बर्थ खोलकर सोना शुरू करता है, तो लोअर बर्थ वाले यात्री उसे ऐसा करने से रोक सकते हैं।


रेलवे द्वारा बनाए गए ये नियम यात्रियों की सुविधा और आराम का ध्यान रखते हैं। सही तरीके से बर्थ का इस्तेमाल सुनिश्चित करने से सफर व्यवस्थित और आरामदायक रहता है। इसके अलावा, यात्रियों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपनी बर्थ को साफ और व्यवस्थित रखें और अन्य यात्रियों का सम्मान करें। अगर सभी यात्री इन नियमों का पालन करेंगे, तो यात्रा का अनुभव सुखद और परेशानी-रहित रहेगा।


यात्रा के दौरान बर्थ पर सोते समय कम सीटिंग वाले यात्री अपनी चीज़ों को सुरक्षित स्थान पर रखें। बच्चों या बुजुर्गों के साथ यात्रा करते समय उनकी सुविधा के अनुसार बर्थ चुनें। यदि ट्रेन में वॉशरूम, बाथरूम और खाने-पीने की सुविधा सीमित हो, तो यात्रा शुरू होने से पहले आवश्यक तैयारी कर लेना बेहतर होता है।