BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 09 Jan 2025 07:00:25 AM IST
ISRO - फ़ोटो ISRO
ISRO: केंद्र सरकार की ओर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नए अध्यक्ष के रूप में डॉ. वी नारायणन के नाम की घोषणा की गई है। वे फिलहाल इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर हैं। रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रपल्शन के क्षेत्र में लगभग चार दशकों का अनुभव रखने वाले डॉ. नारायणन ने 1984 में इसरो जॉइन किया था। उनके पास आईआईटी खड़गपुर से मास्टर और पीएचडी की डिग्री है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. वी नारायणन का जन्म कन्याकुमारी जिले के नागरकोइल के पास स्थित Melakattu गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग (DME) में फर्स्ट रैंक प्राप्त की।
शिक्षा
1989: आईआईटी खड़गपुर से Cryogenic इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री, जिसमें उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया।
2001: एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
कैरियर की शुरुआत
डॉ. नारायणन ने अपने करियर की शुरुआत प्राइवेट सेक्टर से की थी। उन्होंने टीआई डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) जैसी कंपनियों में काम किया।
इसरो में योगदान
डॉ. नारायणन ने 1984 में इसरो जॉइन किया और यहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों पर काम किया। विशेष रूप से, उन्होंने Augmented Satellite Launch Vehicle (ASLV) और रोहिणी साउंडिंग रॉकेट के लिए सॉलिड प्रपल्शन सिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2018 में वे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर बने, जहां उन्होंने प्रोपल्शन सिस्टम से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य किए।
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) में रहते हुए, उन्होंने साउंड रॉकेट, ASLV और पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के लिए सॉलिड प्रपल्शन सिस्टम पर काम किया।
डॉ. वी नारायणन का इसरो में करियर शानदार रहा है, और अब वे इसरो के अध्यक्ष पद पर कार्यभार संभालेंगे, जहां वे संगठन के और भी बड़े मिशनों और उद्देश्यों को पूरा करेंगे।