Bihar Board Document Verification: इस दिन से बिहार बोर्ड में दस्तावेज सत्यापन होगा केवल ऑनलाइन, अब ऑफलाइन आवेदन बंद

Bihar Board Document Verification: बिहार बोर्ड अब अपने उत्तीर्ण विद्यार्थियों के दस्तावेज़ का सत्यापन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से करेगा। बोर्ड ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है।

1st Bihar Published by: SAURABH KUMARI Updated Sun, 21 Dec 2025 11:03:36 AM IST

Bihar Board Document Verification

सत्यापन होगा केवल ऑनलाइन - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Board Document Verification: बिहार बोर्ड अब अपने उत्तीर्ण विद्यार्थियों के दस्तावेज़ का सत्यापन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से करेगा। बोर्ड ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जिसके तहत एक जनवरी 2026 से ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इस नए सिस्टम के लागू होने से सत्यापन की प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और समय बचाने वाली होगी।


बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को सत्यापन के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान उन्हें संस्थान से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी साझा करनी होगी। इसके बाद संस्थान पोर्टल पर लॉगिन कर सत्यापन के लिए विद्यार्थियों की संख्या और विवरण दर्ज करेंगे।


इसके बाद संस्थान को ऑनलाइन शुल्क जमा करना होगा। निर्धारित शुल्क जमा होने के बाद सत्यापन प्रक्रिया स्वतः प्रारंभ हो जाएगी। यह प्रक्रिया मैट्रिक, इंटरमीडिएट, शिक्षक पात्रता परीक्षा, डीएलएड, सक्षमता परीक्षा समेत अन्य सभी दस्तावेज़ों के लिए लागू होगी।


बोर्ड ने बताया कि पूर्व में दस्तावेज़ सत्यापन के लिए हजारों आवेदन डाक के माध्यम से भेजे जाते थे, जिसमें समय की अधिक खपत होती थी और पारदर्शिता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण था। अब DVS पोर्टल https://verification.biharboardonline.com के माध्यम से यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।


सिस्टम के तहत संस्थान का पूरा पता दर्ज करने पर एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर स्वतः निर्धारित करेगा कि फाइल को बोर्ड के किस अधिकारी अथवा विभाग को भेजा जाना है। इसके अलावा, संस्थान की श्रेणी सरकारी, गैर-सरकारी, निजी, राज्य या विदेशी के आधार पर सत्यापन शुल्क DVS में स्वचालित रूप से अंकित रहेगा।


इस नई डिजिटल प्रक्रिया के लागू होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि सत्यापन में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि यह कदम विद्यार्थियों और संस्थानों दोनों के लिए सुविधाजनक और भरोसेमंद साबित होगा।