BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Jan 2025 06:10:13 AM IST
Mutual Fund SIP Return - फ़ोटो Mutual Fund SIP Return
Mutual Fund SIP Return: शेयर बाजार में गिरावट के साथ म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है, और खासतौर पर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के प्रति उनकी आस्थाएं कमजोर होती दिखाई दे रही हैं। पिछले कुछ महीनों में म्यूचुअल फंड निवेशकों ने पहले की तुलना में ज्यादा एसआईपी खाते बंद किए हैं। दिसंबर महीने में रिकॉर्ड 45 लाख एसआईपी खाते बंद हो गए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले मई 2024 में भी 44 लाख एसआईपी खाते बंद हुए थे, लेकिन दिसंबर का आंकड़ा इस बार और भी चौंकाने वाला है।
इस स्थिति ने बाजार के विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि एसआईपी को हमेशा एक लंबी अवधि के निवेश विकल्प के रूप में देखा गया था, जिससे निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना अच्छा रिटर्न कमा सकते थे। अब यह धारणा कमजोर हो रही है और लोग तात्कालिक लाभ के बजाय अपनी निवेश योजनाओं में बदलाव कर रहे हैं।
दिसंबर में नए एसआईपी खातों की संख्या भी काफी घट गई है, जो केवल नौ लाख रही, और यह पिछले सात महीनों में सबसे कम थी। इससे यह भी संकेत मिलता है कि नए निवेशक भी म्यूचुअल फंड और एसआईपी की ओर पहले जैसी रुझान नहीं दिखा रहे हैं।
इस बदलाव का कारण कई वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों का तात्कालिक प्रदर्शन या सालभर के रिटर्न के आधार पर फैसले करना है। यह शॉर्ट टर्म परिणाम कभी-कभी लंबे समय में अच्छा रिटर्न देने वाले फंडों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखने की आवश्यकता है और उन्हें अपने निवेश के दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति सजग रहने की सलाह दी जाती है।
भारत में एसआईपी म्यूचुअल फंड आज भी मजबूत स्थिति में हैं और निवेशकों को इनका लाभ लंबी अवधि में मिल सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि निवेशक शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से प्रभावित होकर जल्दबाजी में निर्णय न लें।