Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 24 Apr 2025 02:47:30 PM IST
आज पवन कुमार की सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है - फ़ोटो Google
UPSC Success Story: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक छोटे से कस्बे से निकलकर पवन कुमार ने वह कर दिखाया जो लाखों युवाओं का सपना होता है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में उन्होंने 239वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया। यह सफर आसान नहीं था| मिट्टी के घर, तिरपाल की छत और पुराने मोबाइल फोन से पढ़ाई कर पवन ने IAS बनने तक का कठिन रास्ता तय किया।
पवन कुमार का बचपन बेहद गरीबी और अभाव में बीता। उनके पिता मुकेश कुमार एक मेहनती किसान हैं, जिनकी आमदनी से घर का गुज़ारा मुश्किल से चलता था। पवन का घर कच्चा था, जिसमें तिरपाल की छत लगी थी और बरसात में टपकती छत के नीचे भी उन्होंने हार नहीं मानी। पढ़ाई के प्रति उनका समर्पण शुरू से ही अडिग था।
पढ़ाई की शुरुआत बुलंदशहर के नवोदय विद्यालय से हुई, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर दिल्ली जाकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। पवन बताते हैं कि उन्होंने ज्यादातर समय पुराने मोबाइल फोन में नोट्स पढ़कर तैयारी की, क्योंकि महंगे कोचिंग और संसाधन उनके पास नहीं थे। उनका फोकस और आत्मविश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।
आज पवन कुमार की सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं| ये कहानी बताती है कि अगर जज़्बा सच्चा हो, तो तिरपाल की छत के नीचे से भी UPSC का ताज पाया जा सकता है।