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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 19 Apr 2025 06:27:43 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: कई बार जीवन की एक छोटी सी घटना भी इंसान के पूरे जीवन की दिशा बदल देती है। यह घटना किसी चौराहे पर एक नया रास्ता दिखा सकती है, जो मंज़िल तक ले जाए। उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली गरिमा सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। एक वक्त था जब गरिमा डॉक्टर बनने का सपना देखा करती थीं, लेकिन कॉलेज के दिनों में घटित एक अप्रत्याशित घटना ने उन्हें एक बिल्कुल ही अलग राह पर लाकर खड़ा कर दिया, जो उन्हें देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं तक ले गई।
एक टर्निंग पॉइंट जिसने बदल दी सोच
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई के दौरान एक बार गरिमा कहीं यात्रा कर रही थीं। रास्ते में एक चेकपॉइंट पर अधिकारियों ने उन्हें रोका और रिश्वत की मांग की। अधिकतर लोग शायद उस परिस्थिति में चुप रह जाते, लेकिन गरिमा ने इसका कड़ा विरोध किया और पैसे देने से इनकार कर दिया। यही वह क्षण था जिसने उनकी सोच को झकझोर दिया। उन्हें महसूस हुआ कि अगर सच में समाज में बदलाव लाना है, तो सिस्टम का हिस्सा बनना होगा।
IPS बनने का सफर
इस घटना के बाद गरिमा ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जाने का निर्णय लिया। उन्होंने पूरी लगन और अनुशासन के साथ UPSC की तैयारी शुरू की और वर्ष 2012 में पहली बार में ही परीक्षा पास कर लीं। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला, जहां उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ पुलिस सेवा निभाई। लोगों की मदद करना, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से खड़ा होना और समाज में सुरक्षा की भावना लाना उनके काम की प्राथमिकता रही।
पिता का सपना और IAS बनने की प्रेरणा
हालांकि वह IPS अधिकारी के रूप में सफल थीं, लेकिन गरिमा के पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक IAS अधिकारी बने। पिता के इस सपने ने उन्हें फिर से प्रेरित किया। उन्होंने नौकरी के साथ-साथ सेल्फ स्टडी की और एक बार फिर UPSC परीक्षा दी। वर्ष 2016 में उन्होंने 55वीं रैंक हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जगह बना ली।
आज एक प्रेरणास्रोत हैं गरिमा सिंह
वर्तमान में गरिमा सिंह झारखंड में IAS अधिकारी के रूप में तैनात हैं और विभिन्न प्रशासनिक विभागों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, UPSC की तैयारी के दौरान गरिमा ने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली थी। उन्होंने अपने दोस्तों से भी कम मिलना-जुलना शुरू कर दिया ताकि वह पूरी तरह पढ़ाई में डूब सकें। उनका यह अनुशासन और समर्पण आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
एक फैसला पूरी ज़िंदगी बदल सकता है
गरिमा सिंह की कहानी हमें सिखाती है कि कभी-कभी एक आवाज़—एक सही समय पर लिया गया निर्णय पूरे भविष्य की दिशा तय कर सकता है। अगर इरादे मजबूत हों और लक्ष्य स्पष्ट, तो कोई भी सपना नामुमकिन नहीं होता। गरिमा ने सिर्फ खुद को नहीं बदला, बल्कि आज वो समाज में बदलाव की मिसाल बन चुकी हैं।