ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, दबंगों ने पीट-पीटकर की युवक की हत्या Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती

Bihar Election 2025: जाति या विकास का मुद्दा! राजनीतिक पार्टियों की क्या है नई रणनीति, बिहार चुनाव में महिलाओं और युवाओं को बनाया केंद्र?

Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में पारंपरिक जातिगत वोट समीकरण हमेशा से अहम रहे हैं, लेकिन 2025 के विधानसभा चुनावों में यह देखा जा रहा है कि महिला सशक्तिकरण, बेरोजगारी और विकास जैसे मुद्दे अब राजनीतिक रणनीति का केंद्र बन गए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 31 Oct 2025 08:23:43 AM IST

Bihar Election 2025

बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में पारंपरिक जातिगत वोट समीकरण हमेशा से अहम रहे हैं, लेकिन 2025 के विधानसभा चुनावों में यह देखा जा रहा है कि महिला सशक्तिकरण, बेरोजगारी और विकास जैसे मुद्दे अब राजनीतिक रणनीति का केंद्र बन गए हैं। सत्ता पक्ष एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों ने उम्मीदवारों के चयन में जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश की है, लेकिन प्रचार अभियानों में अब महिलाओं और युवाओं को लुभाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।


हाल ही में सारण के तरैया में महागठबंधन की रैली में तेजस्वी यादव ने युवाओं से पूछा, “कैसे मिलेगा सरकारी नौकरी, कौन देगा?” भीड़ ने उत्तर दिया, “तेजस्वी देगा!” यह नारा महागठबंधन की नई रणनीति का प्रतीक बन गया है। महागठबंधन ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया है कि राज्य के हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का कानून बनाया जाएगा। इसके साथ ही युवाओं के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास पर विशेष योजनाएं लागू करने का आश्वासन भी दिया गया है।


वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दो दशक लंबे कार्यकाल में महिला मतदाताओं का मजबूत आधार तैयार किया है। नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए ऐतिहासिक फैसले किए हैं। 2006 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण, 2013 में पुलिस विभाग में 35% आरक्षण और सभी सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण दिया। इसके अलावा, सरकार ने महिला रोजगार योजना शुरू की, जिसके तहत राज्य की हर महिला को 10,000 रुपये की पहली किस्त वितरित की गई। इस योजना का व्यापक प्रभाव पड़ा और अब महागठबंधन भी महिलाओं को केंद्र में रखकर अपने वादे तैयार कर रहा है।


महागठबंधन की योजना ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत अगर वे सत्ता में आते हैं, तो राज्य की हर महिला को 2,500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता 1 दिसंबर से दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, ‘जीविका दीदियों’ को स्थायी सरकारी नौकरी का दर्जा देने का वादा भी किया गया है। युवा मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए तेजस्वी यादव ने कौशल विकास, स्टार्टअप्स और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की योजनाओं की घोषणा की है।


विकास के मोर्चे पर दोनों गठबंधनों ने पिछले कार्यकालों की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को चुनावी मुद्दों में बदल दिया है। नीतीश सरकार ने सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई योजनाएं पूरी की हैं। 2015 से अब तक सड़क और पुल निर्माण, गांवों में विद्युत आपूर्ति, स्वच्छ जल परियोजनाएं, और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार जैसी पहलें की गई हैं। इसके अलावा, राज्य में कृषि और उद्योग विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें किसानों को आर्थिक सहायता, सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार और छोटे उद्योगों के लिए सब्सिडी शामिल हैं।


महागठबंधन ने भी अपनी घोषणाओं में कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दिया है। उनका वादा है कि किसानों को उचित समर्थन मूल्य, छात्रवृत्ति और शिक्षा के क्षेत्र में नई योजनाएं लागू की जाएंगी। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य भर में नए अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे।


साफ तौर पर देखा जाए तो बिहार का 2025 चुनाव केवल जाति या परंपरा पर आधारित नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण, युवाओं को रोजगार, शिक्षा और विकास जैसे मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रहा है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ने अपने चुनावी अभियान में इन वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं और घोषणाओं को जनता तक पहुंचाया है। अब यह देखने की बारी है कि कौन सी रणनीति बिहार के युवाओं और महिलाओं के विश्वास को जीत पाती है और राज्य में विकास के एजेंडे पर सरकार बनाए रखती है।