Mokama Assembly : अनंत सिंह के लिए मोकामा में CM नीतीश कुमार करेंगे चुनाव प्रचार ! इलाके में तेज हुई चर्चा;कितना बदल सकता है समीकरण Bihar Crime News: बिहार में आपसी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, युवक की चाकू गोदकर हत्या, आरोपी फरार Bihar Election 2025: ‘मोदी का सीना 112 इंच का, पांच घंटे में पाकिस्तान पर कब्जा कर लेते’, राहुल-तेजस्वी को मांझी का जवाब Bihar Election 2025: ‘मोदी का सीना 112 इंच का, पांच घंटे में पाकिस्तान पर कब्जा कर लेते’, राहुल-तेजस्वी को मांझी का जवाब Suspension Review Bihar : विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार पुलिस का बड़ा फैसला, निलंबित कर्मियों को मिल सकती है राहत; जारी हुआ आदेश FASTag KYV Process: NHAI ने FASTag यूजर्स के लिए KYV प्रक्रिया को किया आसान, जानिए क्या है नया नियम और कैसे करें वेरिफिकेशन? JEE Main 2026: जेईई मेन की परीक्षा के लिए आवेदन शुरु, जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन? Bihar election : अनंत सिंह के प्रचार करने पर तेजस्वी ने उठाए सवाल,कहा -थाने के सामने FIR में नामजद शक्स कर रहा चुनावी प्रचार; यह कैसा सुशासन Bihar Election 2025: मोकामा हत्याकांड के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, लाइसेंसी हथियार जब्त करने के निर्देश Bihar Election 2025: मोकामा हत्याकांड के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, लाइसेंसी हथियार जब्त करने के निर्देश
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 02 May 2025 08:45:32 AM IST
केदारनाथ धाम की पौराणिक कथा और इतिहास - फ़ोटो Google
Kedarnath Dham history: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ धाम के कपाट आज शुक्रवार सुबह 7:00 बजे विधि-विधान के साथ भक्तों के दर्शन हेतु खोल दिए गए। हिमालय की गोद में बसा यह पवित्र स्थल हर साल 6 महीने बर्फबारी के कारण बंद रहता है और गर्मी के आगमन पर खुलता है। कपाट खुलते ही पहले दिन ही हजारों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन को पहुंच गए।
पौराणिक मान्यताएं: नर-नारायण की भक्ति से प्रकट हुए भगवान शिव
शिवपुराण की कोटीरुद्र संहिता के अनुसार, बदरीवन में भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण ने कठोर तपस्या के साथ प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव वहां प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। नर-नारायण ने प्रार्थना की कि भगवान शिव सदा के लिए यहीं वास करें, ताकि सभी भक्तों को उनके दर्शन सहज हो सकें। तभी से यह क्षेत्र 'केदार' कहलाया और शिव यहां केदारनाथ के रूप में पूजे जाने लगे।
महाभारत से जुड़ी कथा: भैंसे के रूप में पांडवों को दिए दर्शन
महाभारत युद्ध के पश्चात, पांडव अपने कर्मों के प्रायश्चित हेतु भगवान शिव की तलाश में निकले। शिव जी पांडवों से बचने के लिए भैंसे का रूप धारण कर केदार क्षेत्र में छिप गए। भीम ने उन्हें पहचान कर पकड़ा, और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए। यही कारण है कि केदारनाथ में शिव की पूजा भैंसे की पीठ के रूप में होती है। मान्यता है कि शिव का मुख नेपाल के पशुपतिनाथ में प्रकट हुआ।
आदि शंकराचार्य का योगदान: मंदिर का पुनर्निर्माण
पौराणिक मान्यता है कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडव वंश के राजा जनमेजय द्वारा करवाया गया था। समय के साथ क्षतिग्रस्त हुए मंदिर का पुनर्निर्माण 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने करवाया और यहीं उनका समाधि स्थल भी स्थित है।
आज के दिन की विशेषता: अखंड ज्योत के दर्शन
कपाट खुलने के साथ ही भक्तों ने मंदिर में अखंड ज्योत के दर्शन किए। केदारनाथ धाम का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत विशिष्ट है। यदि आप भी इस दिव्य धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मौसम और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि यह यात्रा कठिन और ऊँचाई वाली है।