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Life Style: ब्राउन राइस को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा, जानिए.. बच्चों के दिल और दिमाग पर डालता है कैसा असर?

Life Style: ब्राउन राइस में सफेद चावल की तुलना में ज्यादा आर्सेनिक पाया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है...जानें

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 15 Apr 2025 07:24:21 PM IST

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लाइफ स्टाइल - फ़ोटो GOOGLE

Life Style: देश-दुनिया में समय-समय पर नई-नई रिसर्च सामने आती रहती हैं, लेकिन कुछ शोध हमारे स्वास्थ्य को लेकर चौंकाने वाले सच उजागर करते हैं। एक ऐसी ही स्टडी हाल ही में Wiley Online Library में प्रकाशित हुई है, जिसमें ब्राउन राइस को लेकर गंभीर चेतावनी दी गई है। इस रिसर्च में दावा किया गया है कि ब्राउन राइस, जिसे अक्सर हेल्दी विकल्प माना जाता है, वास्तव में सफेद चावल (व्हाइट राइस) की तुलना में अधिक हानिकारक हो सकता है कारण है उसमें मौजूद अधिक मात्रा में आर्सेनिक।


रिसर्च में क्या पाया गया?

शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के चावल के नमूनों का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि ब्राउन राइस में व्हाइट राइस की तुलना में 24% अधिक टोटल आर्सेनिक होता है। साथ ही, 40% अधिक इन-ऑर्गेनिक आर्सेनिक भी पाया गया, जो कि एक ज्ञात कैंसरकारक (carcinogenic) रसायन है। अध्ययन यह भी बताता है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ब्राउन राइस से आर्सेनिक का हानिकारक प्रभाव अधिक पड़ सकता है, क्योंकि वे वयस्कों की तुलना में शरीर के वजन के अनुपात में अधिक खाना खाते हैं।


आर्सेनिक क्यों है खतरनाक?

आर्सेनिक एक जहरीला रासायनिक तत्व है जो शरीर में जाकर दिमाग, हृदय, त्वचा और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। यह शरीर में लंबे समय तक जमा होकर कॉग्निटिव डेवलपमेंट को बाधित करता है और विशेष रूप से बच्चों में इसका असर जानलेवा हो सकता है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, बचपन में आर्सेनिक के संपर्क में आना युवा वयस्कों की मृत्यु दर और मानसिक विकास पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।


ब्राउन राइस में आर्सेनिक ज्यादा क्यों?

ब्राउन राइस की बाहरी परतें (ब्रैन लेयर) हटाई नहीं जातीं, जोकि पोषक तत्वों के साथ-साथ आर्सेनिक को भी जमा कर लेती हैं। वहीं, व्हाइट राइस में यह बाहरी परत प्रोसेसिंग के दौरान हटा दी जाती है, जिससे उसमें आर्सेनिक की मात्रा तुलनात्मक रूप से कम होती है।


क्या करना चाहिए?

विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्राउन राइस से पूरी तरह परहेज करने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसके सेवन में सावधानी ज़रूरी है चावल को अच्छे से धोना और अतिरिक्त पानी में पकाना (जैसे 1:6 पानी में और फिर पानी निकाल देना) आर्सेनिक की मात्रा को कम कर सकता है। खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह सावधानी और भी ज़रूरी हो जाती है।


इसके अलावा, चावल के बजाय अन्य साबुत अनाज जैसे बाजरा, क्विनोआ, या ओट्स को आहार में शामिल करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। जहां ब्राउन राइस को हेल्दी फूड माना जाता है, वहीं यह रिसर्च बताती है कि हर हेल्दी चीज़ के साथ संतुलन और समझ जरूरी है। जागरूकता, सही पकाने की विधि और भोजन में विविधता लाकर हम अपने स्वास्थ्य की बेहतर रक्षा कर सकते हैं।