ब्रेकिंग न्यूज़

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज

Online Game: बिहार में ऑनलाइन गेम्स की लत से बढ़ रही बच्चों की मानसिक समस्याएं, हिंसक खेलों का असर चिंताजनक

Online Game: बिहार में ऑनलाइन गेम्स की लत बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। 85% ऑनलाइन गेम्स हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे बच्चों में आक्रामक प्रवृत्ति, गुस्सा और सामाजिक दूरी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 29 Mar 2025 04:51:20 PM IST

ऑनलाइन गेम्स, बच्चों की लत, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, हिंसक गेम्स, आक्रामक प्रवृत्ति, गुस्सा, तनाव, सामाजिक अलगाव, अनिद्रा, मल्टीप्लेयर गेम्स, हथियारों का आकर्षण, गेमिंग इंडस्ट्री, पेरेंटल

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Online Game: बिहार में ऑनलाइन गेम्स की बढ़ती लत बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। मौजूदा समय में 85% ऑनलाइन गेम हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे बच्चों की मानसिकता और व्यवहार में बदलाव देखने को मिल रहा है।

गेम इंडस्ट्री का बढ़ता प्रभाव और हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति

पिछले कुछ वर्षों में गेम इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। इन खेलों में हिंसा आधारित गेम्स की लोकप्रियता अधिक है, जिससे बच्चों में आक्रामक प्रवृत्ति बढ़ रही है। शोध के अनुसार, सामान्य गेम खेलने वाले बच्चों की तुलना में हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चों में झगड़ने की प्रवृत्ति दोगुनी होती है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इस समस्या को गंभीर बताया था।

ऑनलाइन गेम्स में हिंसा का बढ़ता प्रभाव

ऑफलाइन गेम्स की तुलना में ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम्स में हिंसा का स्तर अधिक पाया जाता है। इन खेलों में खिलाड़ी को अपनी जगह बनाने, दुश्मनों को हराने, युद्ध जीतने और तबाही मचाने जैसे टास्क दिए जाते हैं, जो सीमित समय में पूरे करने होते हैं। ऐसे में बच्चे गेम्स में अत्यधिक व्यस्त हो जाते हैं और अपने विरोधियों को हराने में आत्मसंतोष महसूस करते हैं।

हथियारों के प्रति बढ़ता आकर्षण

हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चों में हथियारों के प्रति विशेष रुचि देखी जाती है। इन गेम्स में आधुनिक बंदूकों, लड़ाकू विमानों और टैंकों की जानकारी दी जाती है, जिससे बच्चे इनसे प्रभावित होकर अपने साथियों से इनके बारे में चर्चा करने लगते हैं।

हिंसक गेम्स से उत्पन्न होने वाली समस्याएं

अनिद्रा – खेलों में लक्ष्य पूरा न कर पाने वाले बच्चों को अनिद्रा की समस्या होती है। वे देर रात तक गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं और यहां तक कि खाने-पीने पर भी ध्यान नहीं देते।

गुस्सा और आक्रामकता – हार-जीत को लेकर बच्चे अधिक चिड़चिड़े हो जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर झगड़ने लगते हैं।

तनाव और सामाजिक दूरी – ऑनलाइन गेम्स की लत के कारण बच्चे सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ने लगते हैं। वे यह मानने लगते हैं कि हर समस्या का समाधान केवल हिंसा है और दोस्तों से दूरी बना लेते हैं।

शोरगुल की आदत – हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चे अधिक शोरगुल और चीखने-चिल्लाने की प्रवृत्ति विकसित कर लेते हैं।

ऑनलाइन गेम्स की बढ़ती लत बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवहार पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। माता-पिता और शिक्षकों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि बच्चों को इस खतरनाक प्रवृत्ति से बचाया जा सके।