Gandak River Bridge: बिहार से यूपी अब कुछ मिनटों में! 4000 करोड़ का पुल बदल देगा सफर की तस्वीर! Terrorist To President: कैसे मोस्ट वांटेड आतंकी बन गया एक देश का राष्ट्रपति, कभी सिर पर था 85 करोड़ का इनाम Bihar Assembly Election 2025: पटना में चुनाव आयोग की हाईलेवल मीटिंग....इन दो जिलों का दौरा करेगी टीम Bihar Crime News: मुजफ्फरपुर में हत्याओं का सिलसिला जारी, एक और कांड के बाद NH-28 जाम Career growth: ऑफिस में चाहिए प्रमोशन? ये बातें आज ही अपनाइए वरना पछताएंगे! Bihar News: बिजली विभाग में मचा बवाल, 'महाप्रबंधक' ने सीनियर पर आरोप लगाकर दिया इस्तीफा, वजह क्या है... Junior Engineer Missing: पथ निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर लापता, डिप्रेशन का थे शिकार Bihar Pink Bus for women: बिहार की महिलाओं को बड़ा तोहफा, पटना समेत पूरे बिहार में पिंक बस सेवा शुरू! Air Conditioner: गर्मी से बेहाल बिहार! एयर कंडीशनर की मांग में रिकॉर्ड तोड़ उछाल! Bihar Crime News: नवविवाहिता की मौत के बाद अँधेरे में दाह संस्कार कर रहे थे ससुराल वाले, पुलिस को देख हुए फरार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Jun 2024 10:24:30 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के साथ ही एस. सिद्धार्थ ने केके पाठक के फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। बुधवार को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक के बाद एस सिद्धार्थ ने जहां यूनिवर्सिटी के खातों पर लगे बैन को हटा दिया वहीं उन्होंने केके पाठक के एक और फैसले को पलट दिया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने सख्त आदेश जारी किया था कि जो बच्चे बिना किसी सूचना के तीन दिन या उससे अधिक स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे उनका नाम स्कूल से काट दिया जाएगा। केके पाठक के इस आदेश पर बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों का नाम काट दिया गया था।
केके पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद अब शिक्षा विभाग के नए एसीएस एस.सिद्धार्थ ने पाठक के उस आदेश को पलट दिया है। बिहार के सरकारी स्कूलों में अब तीन दिन या उससे अधिक दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं का नाम नहीं काटा जाएगा। अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने इसको लेकर सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है।
शिक्षा विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि किसी भी कारण से जो बच्चे स्कूल नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं उनका नाम नहीं काटा जाए। अगर किसी कारण से बच्चा स्कूल नहीं आ रहे है तो शिक्षक, हेडमास्टर और टोला सेवक बच्चे के घर जाकर उसके अभिभावक से मिलें और बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।