BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर
1st Bihar Published by: SANT SAROJ Updated Fri, 25 Aug 2023 03:42:18 PM IST
- फ़ोटो
SUPAUL: सुपौल में तस्करी के एक आरोपी को कोर्ट ने शर्तों के साथ बेल दे दी। कोर्ट ने जो शर्त रखा उसे सुनकर हर कोई हैरान है। कोर्ट ने आरोपी को इस शर्त पर बेल दी है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर 20 फलदार पौधे लगाएगा और अगले 6 महीने तक उन पौधों की देखरेख करेगा, ऐसा नहीं करने पर उसकी बेल रद्द कर दी जाएगी।
दरअसल, मामला वीरपुर थाना भीमनगर ओपी कांड संख्या 191/23 और एनडीपीएस 34/23 से संबंधित है। इसमें सहरसा के महिषि स्थित सतवार निवासी अभिषेक कुमार के खिलाफ तस्करी का मामला दर्ज है। वहीं, एक अन्य मामले में इसी कोर्ट ने अभियुक्त को पौधा लगाने के शर्त पर जमानत दे दी है। मामला जाली नोट के कारोबार से जुडा़ हुआ है। वीरपुर थाना क्षेत्र के लालपुर गोठ निवासी मो. जुबेर करीब पांच माह से जेल में बंद था। इसके ऊपर वीरपुर थाना में कांड संख्या 77/13 तथा सत्र वाद संख्या 178/23 में मामला दर्ज है।
इस दोनों मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम अविनाश कुमार प्रथम की कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को इस शर्त पर जमानत दे दी है कि वे सार्वजनिक जगह पर 20 फलदार का पौधा लगाएंगे और उसकी फोटोग्राफी मुखिया, सरपंच या वार्ड पार्षद से प्रमाणित किया हुआ अगली तिथि को कोर्ट में पेश करेंगे। कोर्ट ने हिदायत दी है कि वे पौधों की 6 महीने तक देखभाल भी करेंगे, अगर ऐसा नहीं किया तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट के इस फैसले को जानकर हर कोई हैरान है।