ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में सिर कटा शव मिलने से सनसनी, खेत की रखवाली करने के दौरान बदमाशों ने शख्स को मौत के घाट उतारा BIHAR ELECTION : NDA में सीट बंटवारा के बाद उठी नाराजगी को दूर करने को लेकर तैयार हुआ बड़ा प्लान; BJP और JDU ने बनाया मास्टरप्लान Bihar News: बिहार में मिठाई दुकान में सिलेंडर ब्लास्ट, तीन दुकानें जलकर हुईं राख; पुलिसकर्मी समेत चार लोग झुलसे Bihar News: बिहार में मिठाई दुकान में सिलेंडर ब्लास्ट, तीन दुकानें जलकर हुईं राख; पुलिसकर्मी समेत चार लोग झुलसे Dhanteras 2025: धनत्रयोदशी पर क्या करें और क्या खरीदें? कंफ्यूजन कर लें दूर; जानें धन्वंतरि की पूजा का सही समय Bihar Election 2025: बिहार में आदर्श आचार संहिता को लेकर पुलिस की सख्ती, बाइक सवार दो युवकों के पास से मिले करीब 20 लाख Bihar Election 2025: बिहार में आदर्श आचार संहिता को लेकर पुलिस की सख्ती, बाइक सवार दो युवकों के पास से मिले करीब 20 लाख RJD में आकर फंस गये राहुल शर्मा? जगदीश शर्मा के बेटे को घोसी से टिकट नहीं मिला, माले ने खड़ा किया अपना उम्मीदवार Jawed Habib: स्टाइल के बाद स्कैम? जावेद हबीब और परिवार पर लगा करोड़ों की ठगी का आरोप Bihar election 2025 : JDU में भूचाल, कई कद्दावर नेता छोड़ रहे पार्टी; वर्तमान नेतृत्व से नाराज हैं JDU के पुराने साथी

आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पासपोर्ट जब्त करने का आदेश, स्थानीय पुलिस के पास हाजिरी लगाने को कहा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 06 Feb 2024 04:24:05 PM IST

आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पासपोर्ट जब्त करने का आदेश, स्थानीय पुलिस के पास हाजिरी लगाने को कहा

- फ़ोटो

DELHI: पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी होने के बावजूद जेल से रिहा कर दिये पूर्व सांसद आनंद मोहन पर सुप्रीम कोर्ट की गाज गिरी है. आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी. कृष्णैया की विधवा उमादेवी कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. नाराज कोर्ट ने आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भी जमकर फटकार लगायी है. 


सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच में आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका दायर करने वाली उमादेवी कृष्णैया की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धांत लूथरा मौजूद थे. वहीं आनंद मोहन की ओर से वरीय अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी बहस कर रहे थे. वहीं, राज्य सरकार की ओर से वकील रंजीत कुमार मौजूद थे.


सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद बड़े आदेश दिये. कोर्ट ने कहा कि तत्काल प्रभाव से आऩंद मोहन का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाये. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आनंद मोहन को स्थानीय पुलिस के पास हर 15 दिन पर हाजिरी लगाने को कहा है. कोर्ट की बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जतायी. दरअसल याचिका दायर करने वाली उमादेवी कृष्णैया ने केंद्र सरकार को भी प्रतिवादी बनाया था. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया गया था. 


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए इस मामले में एक सप्ताह में जवाब देने को कहा. कोर्ट की बेंच ने कहा कि ये मामला लगातार टल रहा है. कभी राज्य सरकार समय मांगती है तो कभी केंद्र सरकार जवाब नहीं देती है. मामले को और अधिक टाला नहीं जा सकता. केंद्र सरकार को इस मामले में एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है.


27 फरवरी को आखिरी फैसला

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह इस मामले में आखिरी फैसला सुनायेगी. इसके लिए 27 फरवरी को सुनवाई की आखिरी तारीख रखी गयी है. कोर्ट ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण मामले को और आगे टाला नहीं जा सकता. लिहाजा अगली तारीख पर फैसला सुना दिया जायेगा.


बता दें कि पिछले 23 अप्रैल को बिहार सरकार ने जेल में बंद आनंद मोहन को रिहा कर दिया था. राज्य सरकार ने इससे पहले उम्र कैद की सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई के लिए बने नियमों को बदल दिया था. पहले ये प्रावधान था कि लोकसेवकों यानि सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की हत्या के दोषी को जेल से रिहा नहीं किया जायेगा. लेकिन राज्य सरकार ने इस नियम को खत्म कर अच्छे आचरण का हवाला देकर आनंद मोहन को रिहा कर दिया था.


आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्याकांड के दोषी थे. 1994 में जी. कृष्णैया की हत्या मुजफ्फरपुर में कर दी गयी थी, जब वे पटना से गोपालगंज लौट रहे थे. 2007 में कोर्ट ने आनंद मोहन को इस मामले में फांसी की सजा सुनायी थी, जिसे बाद में उम्र कैद में बदल दिया गया. 2023 में आनंद मोहन की रिहाई के बाद जी. कृष्णैया की पत्नी उमादेवी कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 


उमादेवी कृष्णैया के वकीलों ने कोर्ट में कई अहम तथ्य पेश किये हैं. उनका कहना है कि आऩंद मोहन की रिहाई बिल्कुल गैरकानूनी है. आनंद मोहन को अच्छे आचरण के आधार पर रिहा किया गया लेकिन जेल में बंद रहते हुए भी आनंद मोहन ने कई कांड को अंजाम दिया था. उन पर जेल में मारपीट करने से लेकर पुलिस वालों पर हमला करने जैसे कई केस दर्ज किये गये. ये सारे केस खुद सरकार ने दर्ज कराये थे. उसी सरकार ने आनंद मोहन को अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र देकर रिहा कैसे कर दिया.