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विश्व अंगदान दिवस पर बोले डॉ. प्रभात रंजन,अंगदान जीवनदान है, इससे बड़ा नहीं हो सकता कोई दान

1st Bihar Published by: Updated Fri, 12 Aug 2022 08:06:39 PM IST

विश्व अंगदान दिवस पर बोले डॉ. प्रभात रंजन,अंगदान जीवनदान है, इससे बड़ा नहीं हो सकता कोई दान

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DESK: 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस है। हर वर्ष दो लाख से ज्यादा लोग डायलिसिस पर जा रहे है लेकिन इनमें से करीब 15 हजार का ही किडनी ट्रांसप्लांट होता है। जागरूकता के अभाव में आज भी जरूरत से काफी कम अंगदान होता है। कल यानी शनिवार को अंगदान दिवस है। अंगदान दिवस पर डॉ. प्रभात रंजन ने कहा कि अंगदान जीवनदान है, इससे बड़ा दान कोई नहीं हो सकता है। लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए।   


हमारे देश में आज भी अंगदान को लेकर समाज में जागरूकता की काफी कमी है। इसके कारण हर वर्ष लाखों लोगों की मौत हो जाती है। अगर अंगदान से इन्हें ट्रांसप्लांट की सुविधा मिले तो इनकी जिंदगी बचाई जा सकती है। 


विश्व अंगदान दिवस की पूर्व संध्या पर जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना के डॉ. प्रभात रंजन ने कही। यहां के यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ प्रभात रंजन ने कहा कि अंगदान कितना जरूरी है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि हमारे देश में हर वर्ष करीब दो लाख से ज्यादा लोग डायलिसिस पर चले जाते हैं। इनका बेहतर इलाज किडनी ट्रांसप्लांट है। लेकिन डोनर की कमी के कारण इसमें से करीब 15 हजार को ही ट्रांसप्लांट की सुविधा मिल पाती है।


उन्होंने कहा कि लोगों को समझना होगा कि अंगदान जीवनदान है। इससे बड़ा कोई दान नहीं हो सकता है। जब कभी भी किसी डोनर का अंग लिया जाता है तो उसकी पूरी सेफ्टी का ख्याल रखा जाता है। एक किडनी और लिवर के कुछ हिस्से का दान जीवित रहते किया जा सकता है। कोई व्यक्ति अपनी एक किडनी दान कर के भी सामान्य जीवन जी सकता है। आमतौर पर किडनी दान की जरूरत पड़ने पर परिवार की महिलाएं ही डोनर के रूप में सामने आती हैं। पुरुषों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए। 


विश्व अंगदान दिवस की पूर्व संध्या पर जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना के नेफ्रोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ सूरज कुमार गुप्ता ने कहा कि मौत के बाद किडनी, कार्निया के साथ ही लिवर, हार्ट, पैनक्रियाज आदि का भी दान कर एक व्यक्ति सात से आठ लोगों की जिंदगी बचा सकता है।


उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद अंगदान को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। बिहार में यह बेहद कम होता है जबकि गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों में इसकी बेहतर स्थिति है समाज में अंगदान को लेकर फैली गलतफहमियां दूर करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना में किडनी से संबंधित बीमारियों का बेहतर इलाज उपलब्ध है। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आधुनिक तकनीक से मरीजों का इलाज किया जाता है।