Bihar News: बिहार के तीसरे एक्सप्रेस-वे को केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, रामजानकी मार्ग को लेकर आया बड़ा अपडेट Expressway in Bihar: बिहार के इस जिले को मिलेगा नया बाइपास, 19.32 करोड़ की लागत से बनेगा 2.36 किमी लंबा रास्ता Bihar Politics: सहरसा में किशोर कुमार “मुन्ना” का जोरदार स्वागत, प्रशांत किशोर के प्रस्तावित दौरे को लेकर हुई अहम बैठक Bihar Politics: सहरसा में किशोर कुमार “मुन्ना” का जोरदार स्वागत, प्रशांत किशोर के प्रस्तावित दौरे को लेकर हुई अहम बैठक Bihar Politics: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बिहार बीजेपी, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने मुहिम शुरू Bihar Politics: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बिहार बीजेपी, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने मुहिम शुरू Spirit Movie: प्रभास के साथ 'स्पिरिट' में अब नजर नहीं आएगी दीपिका, वांगा ने इस वजह से दिखाया बाहर का रास्ता Mansoon 2025: बदलने वाला है मौसम का मिजाज, निकाल लीजिए छतरी; समय से 8 दिन पहले भारत पहुंचा मानसून Mansoon 2025: बदलने वाला है मौसम का मिजाज, निकाल लीजिए छतरी; समय से 8 दिन पहले भारत पहुंचा मानसून Election Commission Mobile Phone Policy:अब मतदान केन्द्रों पर मोबाइल लेकर जा सकेंगे वोटर्स, चुनाव आयोग ने किया खास इंतजाम
1st Bihar Published by: Updated Tue, 16 Nov 2021 11:37:01 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में बालू के अवैध खनन का खेल जबरदस्त तरीके से खेला गया. अवैध खनन के खेल ने कई पुलिसवालों की नौकरी तक ले ली. लेकिन इस सब के बावजूद अवैध खनन के मामले में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. अवैध खनन के खिलाफ खनन विभाग और पुलिस की तरफ से छापेमारी तो खूब होती है लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने में बड़ी कोताही बरती गई है.
बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग की सारी कवायद ध्वस्त होती नज़र आती हैं. पुलिस की मदद के बाद भी जिलों के खनन अफसर अवैध खनन पर रोक लगाने में फेल हो रहे हैं. खनन अफसर विभाग के निर्देश पर छापामारी तो करते हैं, लेकिन छापामारी के बाद इसकी प्राथमिकी दर्ज कराने से बचते हैं. इसी कारण इस साल सितंबर महीने तक सभी जिलों को मिलाकर करीब 16 सौ छापामारी अभियान चलाए गए, लेकिन प्राथमिकी करीब 350 ही दर्ज कराई गई. कुछ जिलों में तो छापेमारी तो हुई, लेकिन प्राथमिकी शून्य ही हैं.
खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक स्तर पर पिछले दिनों एक समीक्षा बैठक हुई थी. जिसमें राजस्व संग्रहण से लेकर अवैध खनन के खिलाफ जिलों में की गई गई कार्रवाई पर चर्चा हुई. जिसमें यह बात सामने आई कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जिलों में प्राथमिकी दर्ज करने में घोर लापरवाही हो रही है.
कहा जा रहा है कि समस्तीपुर से लेकर खगड़िया तक जैसे जिलों ने तो प्राथमिकी का खाता तक नहीं खोला. जबकि इन जिलों में अलग-अलग समय में बालू माफिया के खिलाफ कई छापामारी अभियान चलाए गए. 9 महीने में करीब 1597 छापामारी अभियान चले जबकि जो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं उनकी संख्या 366 हैं.
समीक्षा बैठक में जिलों की यह लापरवाही सामने आने के बाद विभाग के निदेशक के स्तर से जिलों के खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अवैध खनन के विरूद्ध जिले के संबंधित थानों में प्रत्येक कार्रवाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए. जिलों को यह हिदायत भी दी गई है कि दर्ज प्राथमिकी की सूचना से मुख्यालय को भी अवगत कराया जाए.