Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला
1st Bihar Published by: Updated Wed, 19 Jan 2022 08:21:10 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में शराबबंदी के बावजूद हर रोज बड़े पैमाने पर शराब की बरामदगी से लेकर शराब माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज पटना हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ये क्यों नहीं माना जाये कि बिहार में पुलिस और शराब माफियाओं के बीच सांठगांठ है. हाईकोर्ट ने पुलिस से लेकर मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
शराब कारोबारी की अग्रिम जमानत याचिका से कोर्ट नाराज
दरअसल पटना हाईकोर्ट में गंगाराम नाम के व्यक्ति ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. गंगाराम पर करीब एक साल पहले शराब के कारोबार का केस पुलिस ने दर्ज किया था. एक साल तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी. उसके बाद गंगाराम ने पटना हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी की.
पुलिस औऱ शराब कारोबारियों में सांठगांठ
कोर्ट ने कहा कि एक साल पुराने इस मामले में आरोपी अग्रिम जमानत मांग रहा है. यानि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी. तो पुलिस उन माफियाओं को न जाने कितने साले से नहीं पकड़ पा रही होगी, जिनके व्यापारिक नेटवर्क के जरिये शराब का अवैध कारोबार होता है. कोर्ट ने सरकार और पुलिस के रवैये पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट ये क्यों नहीं मान ले कि शराब के अवैध व्यापार का नेटवर्क चलाने वाले माफिया का पुलिस के साथ सांठगांठ है.
आलाधिकारियों से जवाब मांगा
हाईकोर्ट ने बिहार के उत्पाद आयुक्त औऱ पुलिस के आलाधिकारियों से जवाब मांगा है. उनसे पूछा गया है कि शराबबंदी के बाद सूबे में अब तक कितने शराब माफियाओं को पकड़ा गया है. किनके खिलाफ कौन सी कार्रवाई की गयी है. वैसे कोर्ट सरकार के एपीपी ने कहा कि पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर शराब के कारोबार से जुड़े लोगों पर लगाम लगा रही है. कोर्ट ने एक सप्ताह के बाद इस मामले की फिर से सुनवाई करने का फैसला लिया है.