मुंगेर में चुनाव से पहले 1.72 किलो चांदी जब्त, फ्लाइंग स्क्वॉड टीम की बड़ी कार्रवाई मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय
1st Bihar Published by: Updated Thu, 16 Jun 2022 03:02:56 PM IST
- फ़ोटो
BHAGALPUR: वैसे बंदी जिन्हें हत्या और दुष्कर्म के मामले को लेकर फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, वैसे बंदियों की अपील अब लंबे समय तक लंबित नहीं रह सकेगी.अब गृह कारा विभाग इन फांसी बंदियों की लंबित अपील पर त्वरित सुनवाई की पहल करेगा. बता दे कि इन बंदियों की वर्षों से प्राप्त फांसी की सजा को लेकर की गयी अपील उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय के अलाव राष्ट्रपति के यहां लंबित है. अब उनके लंबित अपीलों पर त्वरित सुनवाई करने के लिए गृह कारा विभाग अपने स्तर से पहल करेगी. इसको लेकर भागलपुर के दोनों जेल अधीक्षक से जेल में बंद फांसी बंदियों के अपील की वर्तमान स्थिति की अतिशीघ्र रिपोर्ट को कारा मुख्यालय ने देने को कहा है. इस रिपोर्ट में में फांसी बंदियों के नाम-पते, किस न्यायालय से फांसी की कब सजा मिली इसकी जानकारी मांगी है और साथ ही ऐसे कैदियों की अपील उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय या राष्ट्रपति के यहां कब की गई है और कब से लंबित है इसका पूरा ब्यौरा भी मांगा है.
बता दे कि सात फांसी बंदी भागलपुर के शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में और पांच विशेष केंद्रीय कारा में बंद हैं. इन फांसी बंदियों में भागलपुर जिले के अलावा कई अन्वैय जिले के लोग है, जिनमें वैशाली, अररिया, मोतिहारी, मुंगेर, समस्तीपुर आदि जगह शामिल हैं.
अगर हम इन फांसी बंदी की बात करे तो,
1. मनीष कुमार मंडल उर्फ नेपाली मंडल मुंगेर जिले के जमालपुर केशोपुर नकीनगर के निवासी है, जिन्हें सात मई 2016 में सजा दी गयी थी और इनकी अपील उच्च न्यायालय पटना में लंबित है.
2. मुन्ना पांडेय जो की भागलपुर के सबौर ठठेरी टोला के निवासी है. इन्हें 23 जनवरी 2017 को फांसी की सजा सुनाई गई थी और इसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है.
3.ध्रुव सहनी जो की मोतिहारी जिले के अकौना चिरैया गांव के निवासी है. इन्हें 15 नवंबर 2017 को फांसी की सजा सुनाई गई थी और इसकी अपील उच्च न्यायालय पटना में लंबित है.
4. जियाउद्दीन उर्फ धन्नो जो की सिवान जिले के इजमली बड़हरिया गांव के निवासी है. इन्हें आठ मई 2019 को फांसी की सजा सुनाई गई थी और इसकी अपील उच्च न्यायालय पटना में लंबित है.
5. जगत राय जो की वैशाली जिले के रामपुर श्यामचन्द्र के निवासी है. इन्हें 30 अक्टूबर 2009 को फांसी की सजा दी गयी थी और इनकी अपील दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है.
6. दीपक राय उर्फ विपत राय जो की वैशाली जिले के रामपुर राघोपुर के निवासी है. इन्हें 30 अक्टूबर 2009 में फांसी की सजा सुनाई गई थी और इसकी मर्सी अपील राष्ट्रपति के यहां लंबित है.
7.रामलाल महतो जो की समस्तीपुर जिले के पाड़ दलसिंहसराय के निवासी है. इन्हें 19 दिसंबर 2020 को फांसी की सजा सुनाई गई थीऔर इसकी अपील उच्च न्यायालय पटना में लंबित है.
वही कुछ ऐसे बंदी भी है जिन्हें विशेष केंद्रीय कारा में रखा गया है-
8. मुहम्मद इरशाद जो की अररिया जिले के नरपतगंज के निवासी है. इन्हें 2 मार्च 2021 को फांसी की सजा सुनाई गई थीऔर इसकी अपील उच्च न्यायालय पटना में लंबित है.
9. मुहम्मद तबरेज जो की अररिया जिले के नरपतगंज के निवासी है. इन्हें 2 मार्च 2021 को फांसी की सजा सुनाई गई थी और इसकी अपील उच्च न्यायालय में लंबित है.
10. मुहम्मद दिलशाद जो की अररिया के नरपतगंज के निवासी है. इन्हें भी दो मार्च 2021 को फांसी की सजा सुनाई गई थी और इसकी अपील बाकी दो बंदियों की तरह उच्च न्यायालय पटना में लंबित है. बता दे की ये उन बंदी में से एक है जिन्हें पटना के गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट केस को लेकर फांसी की सजा दी गयी.
वहीं इन बंदियों के अलावा एक और बंदी इन सब में शामिल हैं, जिन्हें दिल्ली स्थित एनआइए कोर्ट में पेशी के चलते दिल्ली में ही रखा गया है.