Bihar Election 2025 : इस बार चुनावी मंचों पर झलकी बिहार की परंपरा, संस्कृति और कला — चुनावी माहौल में दिखा लोक गौरव का संगम murder mystery : 'बेबी सुनो न मैं तुम्हें बहुत पंसद करता हूं ...',, पत्नी की मोबाइल से हसबैंड ने अपने ही दोस्त को भेजा "I Love You" का मैसेज, रिप्लाई आने पर कर दिया बड़ा कांड Bihar News: ट्रैक्टर की चपेट में आने से बच्चे की मौत, रोटावेटर में फंसकर हुए कई टुकड़े Bihar Election 2025: हवाई प्रचार में भी आगे रही मोदी और नीतीश की जोड़ी, नेताओं ने की तूफानी रैलियां; जानिए रेस में कहां हैं राहुल और तेजस्वी Bihar Crime News: बिहार में वर्चस्व की लड़ाई में जमकर गोलीबारी; महिला के गले में लगी गोली, कई घायल Bihar Election 2025 : बिहार में पिछले 30 दिनों तक खूब सुनाई पड़े "जिंदाबाद के नारे", चुनाव में किन मोर्चे पर गरजे बड़े- बड़े नेता; इस बार क्या रही पूरी चुनावी कहानी Bihar News: बिहार में ठगों ने रिटार्यड बैंककर्मी को लगाया लाखों का चूना, कहीं आप भी तो नहीं करते ऐसी गलती.. Bihar Election 2025: NDA के नताओं ने जमकर उड़ाए हैलिकॉप्टर, अब यहां हो गई नीतीश और मोदी से बड़ी चूक; जानिए क्या है पूरी खबर Bihar Election 2025 : बिहार में खत्म हुआ चुनावी शोर, तेजस्वी और राहुल से अभी ही बहुत आगे निकलें नीतीश; इस बार भी कर लेंगे किला फतह Bihar Election 2025 : नीतीश और मोदी का विकास या तेजस्वी और राहुल का MY समीकरण, बिहार चुनाव के दूसरे चरण में अबतक का क्या रहा है इतिहास
1st Bihar Published by: Updated Thu, 10 Jun 2021 07:08:27 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बहुचर्चित औऱ बर्बर सेनारी नरसंहार में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को निरस्त करने की गुहार लगायी है जिसमें इस बर्बर हत्याकांड के सारे आरोपियों को बरी कर दिया गया था. हालांकि बिहार सरकार ने अभी अर्जी दाखिल की है, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है.
गौरतलब है कि सेनारी नरसंहार के मामले में पटना हाईकोर्ट ने 21 मई को फैसला सुनाया था. नरसंहार में निचली अदालत ने 13 लोगों को सजा सुनायी थी. 10 को फांसी की सजा मिली थी औऱ 3 को उम्र कैद. पटना हाईकोर्ट ने आज सब को बाइज्जत बरी कर दिया था औऱ सरकार को कहा था कि वह तमाम दोषियों को तत्काल जेल से रिहा कर दे.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का एलान किया था
बहुचर्चित औऱ बर्बर सेनारी हत्याकांड के सारे अभियुक्तों के रिहा कर दिये जाने के बाद बिहार सरकार ने कहा था कि वह हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है औऱ इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी. बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा था कि राज्य सरकार इस मामले में मजबूती के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी ताकि दोषियों को सजा मिल सके. अब बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है.
सेनारी नरसंहार के बारे में जानिये
बिहार के जहानाबाद के सेनारी नरसंहार को 18 मार्च 1999 की रात अंजाम दिया गया था. सेनारी गांव में हत्यारों ने 34 लोगों के हाथ-पांव बांधकर उनका गला रेत दिया था. इस हत्याकांड ने पूरे देश में तूफान खड़ा कर दिया था. सेनारी नरसंहार को प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) ने अंजाम दिया था. एमसीसी के सैकड़ों हत्यारों ने 18 मार्च 1999 की रात सेनारी गांव की घेराबंदी कर ली थी. फिर चुन-चुन कर एक जाति विशेष के पुरुषों को घरों से निकाला गया था. औऱतों को घरों में ही बंद करके छोड़ दिया गया था. जिस औऱत ने भी अपने घर से मर्द को ले जाने का विरोध किया उसकी बर्बर पिटाई भी की गयी थी.
क्रूर हत्यारों ने सारे मर्दों को गांव के ही ठाकुरबाड़ी मंदिर के पास मैदान में इकट्ठा किया था. उसके बाद उनके हाथ पैर बांध दिये गये. फिर जानवरों को काटने वाले छूरे से उनके गले को रेत कर उनकी हत्या कर दी गयी. सेनारी हत्याकांड में 7 लोग ऐसे खुशकिस्मत भी निकले थे जिनका गला रेते जाने के बावजूद उनकी जान नहीं गयी. वे गंभीर रूप से जख्मी हुए लेकिन बाद में इलाज में उनकी जान बच गयी.
एक-एक कर बरी होते गये अभियुक्त
सेनारी हत्याकांड में प्राथमिकी गांव की चिंतामणि देवी ने दर्ज करायी थी. चिंतामणि देवी के पति औऱ पुत्र दोनों की हत्या गला रेत कर दी गयी थी. पुलिस ने इस मामले में व्यास यादव उर्फ नरेश यादव औऱ 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
1999 में हुए इस नरसंहार के 3 साल बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर किया. इसमें 74 लोगों को दोषी मानते हुए उन्हें सजा देने की कोर्ट से गुहार लगायी गयी थी. पुलिस द्वारा अभियुक्त बनाये गये 74 में से 18 फरार थे. लिहाजा बाकी बजे 56 अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट ने सुनवाई शुरू की. जहानाबाद कोर्ट ने उनमें से 45 के खिलाफ ही ट्रायल शुरू किया. 11 अभियुक्तों के खिलाफ चार्ज फ्रेम ही नहीं किया गया. यानि ट्रायल शुरू होने से पहले 11 बरी हो गये.
इस वीभत्स हत्याकांड की कोर्ट में सुनवाई किस तरह हुई ये भी कम हैरानी भरा नहीं है. कोर्ट ने जिन 45 अभियुक्तों के खिलाफ आऱोप पत्र गठित कर ट्रायल शुरू करने का फैसला किया उनमें से पांच लापता हो गये. यानि सिर्फ 40 अभियुक्त ट्रायल के लिए बच गये. उनमें से भी 2 की मौत ट्रायल के दौरान हो गयी. लिहाजा 38 लोगों के खिलाफ ही जहानाबाद कोर्ट में सुनवाई हुई. ट्रायल के बाद कोर्ट ने उन 38 लोगो में से भी 23 को बरी कर दिया. सिर्फ 15 लोगों को इस हैवानी नरसंहार का दोषी पाया गया.
जिन 15 लोगों को जहानाबाद के एडीजे कोर्ट ने दोषी माना था उनमें से भी दो फरार हो गये. फरार अभियुक्तों को सजा नहीं सुनायी जा सकती. लिहाजा जहानाबाद की अदालत ने सिर्फ 13 अभियुक्तों को सजा सुनायी. 10 को फांसी औऱ 3 को उम्र कैद. पटना हाईकोर्ट ने उन सबों को बरी कर दिया. यानि 34 लोगों की क्रूरतम हत्या का दोषी कोई नहीं.