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बिहार में 36 हजार नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में, जानिए क्या है पूरा मामला

1st Bihar Published by: Updated Tue, 20 Jul 2021 06:27:09 PM IST

बिहार में 36 हजार नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में, जानिए क्या है पूरा मामला

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PATNA : बिहार में 36 हजार नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. जिन शिक्षकों ने विशेष पोर्टल पर अपना डॉक्युमेंट्स जमा नहीं किया है, उनकी नौकरी जा सकती है. क्योंकि पहले ही सरकार की ओर से सख्त दिशानिर्देश जारी किया गया है. पोर्टल पर दस्तावेज नहीं जमा करने वाले शिक्षक फर्जी माने जाएंगे और ऐसे में उनकी नौकरी भी जा सकती है.


बिहार में नियोजित शिक्षकों को 20 जुलाई यानी कि बस आज भर (मंगलवार तक) ही अपना डाक्यूमेंट्स अपलोड करने का अल्टीमेटम दिया गया था. जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, उनकी नौकरी खतरे में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैसे नियोजित शिक्षक जिन्होंने डाक्यूमेंट्स नहीं जमा किया है, उन्हें नीतीश सरकार पहले शोकॉज नोटिस भेजेगी और फिर बाद में उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.


बताया जा रहा है कि दस्तावेज नहीं जमा करने वाले टीचरों को सरकार फर्जी मानेगी. ऐसे शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी. नौकरी से बर्खास्त करने के साथ-साथ फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. इतना ही नहीं सरकार उनसे वेतन की भी वसूलेगी. गौरतलब हो कि साल 2006 से 2015 के बीच की गई नियुक्ति में 91 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों में से 65 हजार शिक्षकों ने ही निगरानी जांच के लिए विशेष पोर्टल पर अपने दस्तावेज अपलोड किए हैं. इस हिसाब से देखें तो 36 हजार नियोजित शिक्षकों ने दस्तावेज अपलोड नहीं किया है.


उधर टीईटी- एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ (गोप गुट) के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने  कहा कि पिछले चार-पांच सालों से नियोजित शिक्षकों का सर्टिफिकेट विभिन्न नियोजन ईकाइयों और जिला शिक्षा कार्यालयों से निगरानी जांच के लिए मांगा जा रहा है लेकिन सरकारी आदेश को धता बताते हुए नियोजन ईकाइयों और शिक्षा कार्यालयों ने फोल्डर जमा नहीं किया. विभाग बताए कि कितने अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई? उन्होंने कहा कि जिला से डाटा गलत टाइप किया गया है. सुधार करवाने के लिए शिक्षक भटक रहे हैं. इसलिए विभाग प्रमाण जरूर अपलोड करवाए, लेकिन 15-20 दिन का समय बढ़ा दिया जाए.