ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Teachers: पटना हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, प्राइवेट कॉलेज के इन शिक्षकों को वेतन के साथ-साथ पेंशन का भी मिलेगा लाभ Tejashwi Yadav letter to PM: जाति जनगणना पर तेजस्वी ने पीएम को घेरा, मांगा ठोस एक्शन प्लान...कहा बिहार ने दिखाई राह, अब देश करे बदलाव! Bihar News: 14 वर्षीय महादलित किशोर पर अत्याचार, 4 महीने तक प्रताड़ित करती रही सेठानी Bihar barat murder: शादी समारोह के दौरान नर्तकियों से अश्लीलता का विरोध बना मौत का कारण! Bihar Premier League: IPL की तर्ज पर BPL में छक्के बरसाते नजर आएंगे वैभव सूर्यवंशी, इस महीने से होगा आयोजन Varanasi to Kolkata highway: बिहार से होकर गुजरेगा 6 लेन एक्सप्रेसवे, 35,228 करोड़ की लागत से होगा निर्माण CBSE Important Notice: रिजल्ट से पहले CBSE ने कर दिया बड़ा बदलाव, बोर्ड का ये नोटिस देख लें छात्र High Speed Trains: भारतीय रेलवे ने बदली 'हाई स्पीड ट्रेन' की परिभाषा, अब इतने किमी/घंटे से अधिक रफ्तार वाली ट्रेनों को ही मिलेगा यह विशेष तमगा Bihar weather update: बिहार में सुकून देने वाला रहेगा मौसम, बारिश और ठनका की भी संभावना Bihar Postal Service: ट्रेन और हवाई जहाज से भी कम समय में आपका सामान दिल्ली पहुंचाएगा डाक विभाग; जानिए क्या है नया प्लान

बिहार : दर्द से तड़पती रही गर्भवती महिला, ना एंबुलेंस दी, ना डॉक्टरों ने सुना

1st Bihar Published by: Updated Sun, 19 Dec 2021 10:13:09 AM IST

बिहार : दर्द से तड़पती रही गर्भवती महिला, ना एंबुलेंस दी, ना डॉक्टरों ने सुना

- फ़ोटो

KATIHAR : एक विचलित करने वाली एक घटना कटिहार से सामने आ रही है. सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला तड़पती रही. महिला को प्रसव कराने के लिए उनके परिजनों ने कोढ़ा प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किसी तरह ले गए. लेकिन पीड़िता का अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद न तो प्रसव कराया और न ही उसे अन्य जगह जाने के लिए एम्बुलेंस भी मुहैया नही कराया.


बता दें सिसिया गाँव की रंजू देवी नाम की महिला को प्रसव कराने के लिए उनके परिजनों ने किसी तरह हॉस्पिटल लाया. जहां दर्द से कहराती पीड़िता हॉस्पिटल परिसर में ही जमीन पर अपने परिजन के सहारे बैठी रही और छटपटाती रही. अस्पताल कर्मी ने पहले बाहर से पीड़िता का अल्ट्रासाउंड करवाया फिर आशा के साथ मिलकर उसे किसी निजी अस्पताल में जाने के लिए कह दिया. पीड़िता को जरूरत था इलाज का, अस्पताल प्रशासन ने पीड़िता को न तो प्रसव कराया और न ही उसे अन्य जगह जाने के लिए एम्बुलेंस भी मुहैया नही कराया.


 ऐसे में परिजन के सहारे और दर्द से कहराती पीड़ित महिला जमीन पर बैठ गई. जहां देर हो जाने के बाद परिजन उसे किसी तरह अपने बाइक पर अपने साथ पीछे बैठाकर ले जाना चाहा. पर उसकी स्थिति बैठकर जाने लायक नहीं थी. वहीं लेकिन जच्चा - बच्चा का जान बचाना भी जरूरी था. परिजन किसी तरह उसे अपने साथ लेकर दूसरे जगह इलाज के लिए ले गया. बिहार में स्वास्थ्य विभाग के इस सिस्टम को देख कर सचमुच सूबे के सरकार का दावा खोखला साबित होता है.