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1st Bihar Published by: Updated Sun, 24 Jan 2021 02:41:59 PM IST
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PATNA : राज्य में संविदा कर्मियों की सेवा को लेकर नीतीश सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन पर सरकार ने खुद स्पष्टीकरण दिया है. सरकार ने मीडिया में आई खबरों के बाद सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इस पूरे मामले पर सफाई दी है. सामान्य प्रशासन विभाग में प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया है कि राज्य में कांटेक्ट कर्मियों के लिए 1 साल की सेवा की सीमा पहले से तय की गई थी और अब संविदा कर्मियों को राज्य सरकार ने नियमित नियुक्ति में वेटेज देने की सुविधा प्रदान की है. सरकार के इस फैसले से संविदा कर्मियों को लाभ मिलने वाला है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया है कि राज्य में नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जुलाई 2007 में सरकार ने फैसला किया था और उसमें नियोजित कर्मियों के लिए सेवानिवृत्ति की तिथि और नियमित नियुक्ति होने तक के संविदा नियोजन विभिन्न तरह के अवकाश मानदेय का पुनरीक्षण अनुग्रह अनुदान के साथ-साथ कर्मचारी भविष्य निधि कर्मचारी राज्य बीमा जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. नियमित नियुक्ति में भी नियोजित कर्मियों को वेटेज की सुविधा नहीं मिलती थी. लेकिन अब सरकार ने इस निर्णय में बदलाव किया है.
दरअसल पूर्व आईएएस अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय कमिटी ने सितंबर 2018 में ही कहा था कि बिहार में पहले से संविदा नियोजित कर्मियों के संविदा नियोजन के पद पर नियमित नहीं होने की स्थिति में उनकी सामान्य सेवानिवृति तक संविदा नियोजन बरक़रार रखने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के अवकाश हर एक साल के मानदेय का पुनरीक्षण, अनुग्रह अनुदान, सेवा अभिलेख का संधारण, यात्रा का खर्च, अपील का प्रावधान, कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा, काम का वार्षिक मूल्यांकन और नियमित नियुक्ति में अधिमानता की सुविधा उपलब्ध कराई गई.
सरकार की तरफ से कहा गया है कि 22 जनवरी को अलग-अलग विभागों में भविष्य के लिए नियोजन किए जाने के संबंध में राज्य सरकार में कई दिशा निर्देश दिए हैं. जिसे लेकर मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई और उसके बाद भ्रम की स्थिति पैदा हुई है.
दरअसल पिछले दिनों मीडिया में ये ख़बरें आई थीं कि नीतीश सरकार एक महीने का नोटिस या मानदेय देकर कांट्रैक्ट पर बहाल कर्मचारी की सेवा समाप्त कर सकती है. इसपर सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये नियम पहले से है. जिन्हें बहाल किया गया, उन्हें भी इस बात की जानकारी थी कि संविदा कर्मी सरकारी सेवक नहीं है. संविदाकर्मी सरकारी कर्मी नहीं माने जाएंगे जब तक उनकी नियमित नियुक्ति नहीं हो जाएगी.