PM Awas Yojana: PM आवास योजना के लाभुकों को एक महीने का समय, नहीं बने मकान तो होगी सख्त कानूनी कार्रवाई Road Accident: लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर पलटी बिहार से दिल्ली जा रही बस, 2 की मौत; 50 से ज्यादा घायल Bihar Teacher: "सचिवालय की परिक्रमा बंद करो..", पटना आने वाले शिक्षकों पर भड़के ACS सिद्धार्थ Police Encounter: मुजफ्फरपुर में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़, 2 कुख्यातों को लगी गोली Bihar Crime News: शिव मंदिर में पुजारी की चाकू गोदकर हत्या, मंदिर परिसर में मिला शव F-35B: 13 दिन से केरल में खड़ी है F-35, खामी पकड़ने में इंजीनियर्स नाकाम; भारत को यही जेट बेचना चाहता है ट्रंप RIC: रूस-भारत-चीन जल्द उठाने जा रहे बड़ा कदम, ख़त्म होगी अमेरिका की बादशाहत Bihar Rain Alert: बिहार के 23 जिलों में आज भीषण बारिश, लोगों से सावधान रहने की अपील BIHAR: ग्रामीण इलाकों में इलाज के नाम पर चल रहा मौत का कारोबार, कलेर में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मौत सारण: एकमा में बिजली मिस्त्री को अपराधियों ने मारी गोली, पटना में ऑपरेशन कर निकाली गई गोली
1st Bihar Published by: RAJKUMAR Updated Sat, 09 Dec 2023 03:56:57 PM IST
- फ़ोटो
NALANDA: यूं तो बिहार पुलिस क्राइम और क्रिमिनल्स पर नकेल कसने के दावे करती है लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए जब पुलिस के दावे खोखले साबित हो गए हैं। ताजा मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से सामने आया है, जहां चोरी के एक आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस को 20 साल लग गए। पुलिस की चुस्ती का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वारदात को अंजाम देकर आरोपी 20 वर्षों तक चकमा देता रहा।
दरअसल, नालंदा के लहेरी थाना पुलिस ने 20 साल पहले हुए चोरी के एक मामले में आरोपी को फतुआ थाना क्षेत्र के नारायणा से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी गणेश ठाकुर का बेटा संजय ठाकुर है जो अपना नाम बदलकर रघुनंदन ठाकुर बनकर 20 वर्षो से पुलिस को चकमा दे रहा था। इसी बीच लहेरी थाने की पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि रघुनंदन ठाकुर ही संजय ठाकुर है।
जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया। पुलिस का जवान डिलीवरी बॉय बनकर आरोपी के घर पहुंचा और संजय ठाकुर के नाम से पार्सल होने की बात कही। पार्सल रिसीव करने के लिए आरोपी रघुनंदन ठाकुर ने खुद को संजय ठाकुर साबित करने के लिए अपना परिचय पत्र दिखाया, तभी डिलीवरी बॉय बने पुलिस जवान ने उसे धर दबोचा।
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी साल 2003 में पटना के एग्जीविशन रोड़ स्थित लेथ मशीन के दुकान में काम करता था। इसी दौरान उसने दुकान से एक लाख रुपये चोरी कर लिए और वहां से फरार हो गया था। इसके बाद से वह अपना नाम औप पहचान बदलकर नारायणा गांव में रह रहा था, जिसे गिरफ्तार करने में पुलिस को 20 साल का वक्त लग गया। लोगों का कहना है कि महज चोरी की घटना के आरोपी को पकड़ने में पुलिस को सालों लग गए तो संगीन अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने में पुलिस कितने वर्षों का समय लगाती होगी।