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1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Feb 2022 09:37:13 AM IST
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PATNA : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी के साथ चल रहा है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कह चुके हैं कि हर हाल में इस अभियान को समय से पूरा करना है लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर आम उपभोक्ताओं में अभी भी दुविधा की स्थिति है.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से कटने वाली राशि और बाकी चीजों को लेकर उपभोक्ता परेशान हैं. उनके पास शिकायतों की लंबी फेहरिस्त शिकायतों की भरमार होने के बावजूद बिजली कंपनी की तरफ से दिया गया शिकायत वाला टोल फ्री नंबर काम नहीं करता. ऐसे में एक तरफ जहां उपभोक्ता यह आरोप लगा रहे हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वजह से उनका बिजली बिल बढ़ा है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली कंपनी लगातार मुनाफे में आ रही है.
जी हां खबर यह है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर नए बिजली कंपनी का राजस्व संग्रह बढ़ा दिया है. जनवरी महीने में ही इसके अंदर बड़ा उछाल दर्ज किया गया है. इसकी बड़ी वजह स्मार्ट प्रीपेड मीटर को माना जा रहा है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद कंपनी के सामने जो सबसे बड़ी समस्या बकाए की वसूली की राशि थी, वह खत्म हो गई है. आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले साल की तुलना में जनवरी महीने तक की बिजली कंपनी के राजस्व में लगभग 30 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हो चुका है. आगे यह मुनाफा और ज्यादा बढ़ेगा. ये हाल तब है जब कोरोना के कारण उद्योग धंधों पर ताला लटका हुआ है और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली की खपत पहले से कम हुई है.
राजस्व संग्रह बढ़ने के पीछे बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का असर अगर समझना है तो सीधे तौर पर यह देखना होगा कि बगैर रिचार्ज के बिजली चालू नहीं रहेगी. प्रीपेड मीटर में जितनी राशि डालेंगे उपभोक्ता उतनी बिजली ही जला पाएंगे. ऐसे में लोग बकाया नहीं रख पाते. बकाया नहीं होने की वजह से राजस्व संग्रह बढ़ा है. पटना के आशियाना नगर डिवीजन में स्मार्ट प्रीपेड मीटर सभी जगह पर लगाया जा चुका है. और इस डिवीजन में राजस्व संग्रह 100 फ़ीसदी से ज्यादा है. 12 लाख में उपभोक्ता भी इस दौरान बिजली कंपनी के साथ से जुड़े हैं.
एक तरफ जहां बिजली कंपनी के अधिकारी स्मार्ट प्रीपेड मीटर को कंपनी के लिए वरदान मांग रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आम उपभोक्ताओं के अलग-अलग भी सवाल है. फर्स्ट बिहार ने पटना के उपभोक्ताओं से इस मामले में मंगलवार को ही राय जानी थी. ज्यादातर उपभोक्ता स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद अपना बिजली बिल बढ़ा हुआ बता रहे हैं. एमआरटी यानी मीटर रीडिंग टेस्ट नहीं होने के आरोप भी उपभोक्ताओं की तरफ से लगाए गए हैं.
सबसे बड़ी समस्या टोल फ्री नंबर काम नहीं करने को लेकर है जबकि कई उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि अगर मोबाइल रिचार्ज होने के बाद सेवा तुरंत शुरू हो जाती है तो फिर स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रिचार्ज के बाद तत्काल बिजली क्यों नहीं चालू होती. बिजली की दर एक बार फिर बिहार में नए सिरे से तय होने वाली है. विनियामक आयोग इस मामले में सुनवाई कर रहा है और उसके बाद बिजली की नई दरों को लेकर फैसला किया जाएगा. ऐसे में जहां एक तरफ बिजली कंपनी का राजस्व संग्रह आयोग के लिए भी शुभ संकेत है तो वहीं दूसरी तरफ से उपभोक्ताओं की परेशानी पर भी आयोग को ध्यान देना होगा.