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1st Bihar Published by: Updated Fri, 26 Mar 2021 08:59:12 PM IST
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PATNA : बिहार विधानसभा में पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद पांच साल तक सदन में नहीं जाने वाले विपक्षी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष से परहेज नहीं है. नीतीश कुमार से लेकर सरकारी अधिकारियों ने विधानसभा में हुए वाकये का ठीकरा विधानसभा अध्यक्ष पर फोड़ दिया है. लेकिन विपक्षी विधायक इसे नीतीश कुमार की चाल बता रहे हैं. लिहाजा आज जब विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक बुलायी तो उसमें आरजेडी और कांग्रेस के विधायक पहुंच गये.
अध्यक्ष की बैठक में सब हाजिर
दरअसल पिछले मंगलवार को बिहार विधानसभा में हुई घटना ने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया था. विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद सदन में पुलिस घूसी थी और पुलिस ने विपक्षी विधायकों की बर्बर पिटाई की थी. राजद, कांग्रेस औऱ माले के विधायकों की बर्बर तरीके से पुलिसिया पिटाई के वीडियो पूरे देश में वायरल हो चुके हैं.
लेकिन इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये मानने से ही इंकार कर दिया था पुलिस ने कोई ज्यादती की थी.नीतीश कुमार ने कहा था कि जो भी गड़बड़ी हुई वह विपक्षी विधायकों ने की थी. पुलिस तो विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर विधानसभा परिसर में घुसी थी. नीतीश कुमार के बाद उनकी सरकार में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव औऱ डीजीपी ने भी कहा था कि पुलिस ने जो किया वह अध्यक्ष के कहने पर किया. ये दिख रहा था कि सरकार विधानसभा अध्यक्ष पर मंगलवार को हुए शर्मनाक वाकये का ठीकरा फोड़ना चाह रही थी.
राजद-कांग्रेस विधायक पहुंचे
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को विधानसभा की सभी समितियों के सभापति की बैठक बुलायी थी. उत्सुकता इस बात पर थी कि क्या अध्यक्ष की बैठक में राजद, कांग्रेस औऱ माले के वे विधायक पहुंचेंगे जो विभिन्न कमेटियों के सभापति हैं. दरअसल विधानसभा की घटना के बाद पूरे विपक्ष ने ये एलान कर दिया है कि जब तक पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी औऱ नीतीश कुमार सार्वजनिक माफी नहीं मांगेगे तब तक वे सदन का बहिष्कार करेंगे.
लेकिन शुक्रवार को हुई बैठक में वैसे तमाम विपक्षी विधायक पहुंचे जो कमेटियों के सभापति हैं. राजद के सुरेंद्र यादव लोक लेखा समिति के भाई वीरेंद्र बिहार विरासत विकास समिति औऱ चंद्रहास चौपाल शून्यकाल समिति के प्रमुख हैं. तीनों विधायक अध्यक्ष की बैठक में मौजूद थे. उधर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा प्रत्यायुक्त विधान समिति तो उनकी ही पार्टी के आफाक आलम अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति हैं. दोनों नेता अध्यक्ष की बैठक में मौजूद थे.
राजद-कांग्रेस की रणनीति
दरअसल राजद औऱ कांग्रेस के नेता समझ रहे हैं कि विधानसभा में उस दिन जो कुछ हुआ उसे नीतीश कुमार अध्यक्ष के माथे मढ़ना चाहते हैं. लेकिन विपक्ष इसके लिए सीधे तौर पर नीतीश कुमार को जिम्मेवार करार दे रहा है. लिहाजा तेजस्वी यादव ने भी कहा कि वे नहीं मान सकते कि अध्यक्ष के निर्देश पर पुलिस ने विधायकों को बर्बर तरीके से पीटा. तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा में उस दिन नीतीश कुमार के खास औऱ स्वजातीय पुलिसकर्मी भेजे गये थे. जिन्होंने विधायकों की पिटाई की. अब नीतीश कुमार पल्ला झाड़ रहे हैं. विपक्ष नीतीश कुमार की चाल में नहीं फंसेगा.