1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 18 Jan 2024 01:23:19 PM IST
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PATNA: बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टियों के नेता अलग रणनीति बनाने पर लग गये हैं. बीजेपी की तीन सहयोगी पार्टियों के प्रमुख चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार की दोपहर पटना में साथ बैठकर दही-चूड़ा खाया. रात में तीनों दिल्ली पहुंच गये. वहां फिर से तीनों नेता डिनर पर बैठ गये. सिर्फ डिनर ही नहीं बल्कि वहां लंबी बातचीत भी हुई.
क्या है मामला
वैसे तो जीतन राम मांझी के बेटे और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी ने कहा कि तीनों नेता बिहार में जीत की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि एनडीए बिहार की सभी चालीस सीटों पर जीत हासिल करे. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी और उसकी सारी सहयोगी पार्टी के नेता अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. बुधवार को हुई आपसी मुलाकात में भी इसी पर चर्चा हुई.
लेकिन असल कहानी कुछ औऱ है. बिहार में बीजेपी की एक सहयोगी पार्टी के नेता ने फर्स्ट बिहार से ऑफ दि रिकार्ड बात करते हुए कहा कि भाजपा का रवैया बेचैन करने वाला है. उसने अभी तक किसी सहयोगी पार्टी को ये नहीं बताया है कि कितनी और कौन सी सीट पर चुनाव लड़ना है. लिहाजा लोजपा(रा), हम औऱ रालोजद जैसी पार्टियों पेशोपेश में पड़ी हैं.
बुधवार की बैठक में इसी बात पर चर्चा हुई कि बीजेपी से सीटों के लिए बातचीत में तीनों नेता एकजुट होकर अपनी बात रखेंगे. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी एक साथ मिलकर अमित शाह या नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे औऱ सीट शेयरिंग फाइनल करने को कहेंगे. वैसे राम मंदिर के उद्घाटन यानि 22 दिसंबर तक इंतजार करने का फैसला लिया गया है.
नीतीश की एंट्री का भी डर
चिराग पासवान हों या उपेंद्र कुशवाहा या फिर जीतन राम मांझी. तीनों नेता नीतीश कुमार के मारे हुए हैं. इन दिनों लगातार ये चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ आ सकते हैं. ऐसे में तीनों को बड़ा झटका लग सकता है. नीतीश की वापसी से न सिर्फ सीटों में उनकी हिस्सेदारी घटेगी बल्कि एनडीए गठबंधन से बाहर होने का खतरा भी मंडरायेगा. ऐसे में चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा औऱ जीतन राम मांझी ने एकजुट होकर संभावित खतरे से मुकाबला करने का फैसला लिया है.