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1st Bihar Published by: Updated Thu, 03 Dec 2020 12:34:50 PM IST
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PATNA : 90 के दशक में भारतीय जनता पार्टी ने जब राम मंदिर निर्माण का एजेंडा अपनाया था तब देशभर में मंदिर निर्माण के लिए ईंट मांगी गई थी। बीजेपी की तरफ से खेले गए इससे हिंदुत्व कार्ड ने उसे भारतीय राजनीति के स्तर पर ला खड़ा किया। आज देश भर में भारतीय जनता पार्टी अपने दबदबे को स्थापित कर चुकी है। बिहार चुनाव में बीजेपी के बूते ही नीतीश कुमार वापस सरकार में है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर जो नया अभियान बिहार में शुरू करने का फैसला किया है वह नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
बुधवार को हुई भारतीय जनता पार्टी के विधान मंडल दल की बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने का अभियान शुरू करने का कार्यक्रम तय किया गया। राम मंदिर निर्माण के लिए 15 से 27 जनवरी के बीच निधि संग्रह अभियान बीजेपी की तरफ से चलाया जाएगा। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ता को करोड़ों परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है। हर परिवार से 10 रुपए का चंदा लेकर यह कार्यकर्ता मंदिर निर्माण कोष में राशि को जमा कराएंगे और अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए यह राशि भेजी जाएगी। बीजेपी का मकसद इस अभियान के जरिए हिंदू वोटरों तक अपनी पहुंच स्थापित करने का है। बीजेपी चाहती है कि विधानसभा चुनाव के बाद उसका जो संपर्क हिंदू वोटरों से जुड़ा है उसे और मजबूत बनाया जाए लेकिन बिहार में बीजेपी के इस अभियान को लेकर नीतीश कुमार कितना सहज रहेंगे यह देखने वाली बात है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जेडीयू ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था लेकिन खुद नीतीश कुमार अयोध्या मंदिर को लेकर बहुत ज्यादा बोलने से बचते रहे हैं। जानकार मानते हैं कि नीतीश राम मंदिर को लेकर बयान देने से अगर बचते हैं तो इसके पीछे उनका यह डर है कि अल्पसंख्यक बिरादरी के लोग उनसे नाराज हो सकते हैं। हालांकि जेडीयू के किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को विधानसभा चुनाव में जीत नसीब नहीं हुई। बावजूद इसके नीतीश हिंदुत्व के एजेंडे को आसानी से स्वीकार कर लेंगे यह मुमकिन नहीं लगता।
खास तौर पर बीजेपी का अभियान इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पहली बार बिहार में विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में बीजेपी के कार्यकर्ता चंदा वसूल लेंगे। बिहार में यह बीजेपी की तरफ से सीधा हिंदू कार्ड होगा। बीजेपी एक तरफ जहां राम मंदिर के एजेंडे के साथ अपनी साख मजबूत करते नजर आएगी। वहीं, नीतीश कुमार के सामने यह भी चुनौती होगी कि वह कैसे इससे अलग रख पाए. ऐसे में इस मामले पर विपक्ष सवाल भी पूछेगा। ऐसे दौर में जब संघ प्रमुख मोहन भागवत पटना पहुंचने वाले हैं पटना में 2 दिनों तक संघ की क्षेत्रीय बैठक आयोजित हो रही है। बीजेपी ने इस नए कार्ड के जरिए विरोधियों के साथ-साथ सहयोगियों को भी झटका दे दिया है।