PATNA : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां पूरी तैयारी में जुटी हुई हैं. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बिहार विधानसभा सभा चुनाव को देखते हुए शनिवार को भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति की घोषणा कर दी. चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को बनाया गया है. भाजपा फूल फ्लेज में नजर आ रही है. क्योंकि अब सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू को विधानसभा चुनाव में बराबर सीटों पर लड़ने की बात कह दी है. इतना ही नहीं बीजेपी ने सीएम को 2014 लोकसभा चुनाव की भी याद दिलाई है, जब जेडीयू अकेले लड़कर मात्र 2 सीट जीत पाई थी.
भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है. चुनाव घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी कृषि, पशु एवं मत्स्य पालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार को दी गई है. जबकि पार्टी ने चुनाव प्रचार के अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को टास्क सौंपा है. इसी बीच अपने बयानों से चर्चा में बने रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी संजय पासवान ने जदयू-भाजपा को बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रख दी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी एमएलसी संजय पासवान का कहना है कि इसबार के चुनाव में भाजपा और जेडीयू को बराबर सीटें मिलनी चाहिए. इतना ही नहीं एमएलसी संजय पासवान ने यहां तक कह दिया कि जेडीयू साल 2014 में लोकसभा चुनाव अलग लड़ी थी तो वह सिर्फ 2 सीट ही जीत पाई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर लड़ी थीं. विधानसभा में भी बराबर सीट पर ही लड़ेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपनी पांच सीटिंग सीट जेडीयू को दी थी.
उधर जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच बढ़ी तल्खी पर कुछ भी बोलने से संजय पासवान ने इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अनुभवी नेता हैं. मुझे नहीं लगता कि वे या चिराग ऐसा कुछ कदम उठाएंगे. चिराग पासवान कहीं और नहीं जायेंगे, चिराग एनडीए में ही रहेंगे. इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में दलित एजेंडा रहने वाला है.
आपको बता दें कि हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बिना शर्त जनता दल यूनाइटेड के साथ खड़ा रहने की बात कही है. बड़े ही बेबाकी से सीएम नीतीश के साथ खड़ा रहने की बात कहने वाले मांझी ने सीधे तौर पर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को अपने निशाने पर लिया है. उन्होंने चिराग को चेतावनी दी है कि वे नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं जाएं. वहीं दूसरी ओर देखा जाये तो चिराग और मांझी के सियासी पैंतरेबाजी से महागठबंधन की आस थोड़ी मजबूत हुई है.