ब्रेकिंग न्यूज़

अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bird Flu: बर्ड फ्लू के खतरे के बीच अंडा खाना कितना सेफ? जानिए... एक्सपर्ट की राय Bihar News: स्थगित हुई बिहार के इस विश्वविद्यालय की परीक्षा, नई तिथि को लेकर आया अहम अपडेट Bihar News: पैसे लेकर शराब तस्कर को छोड़ना दारोगा को पड़ा भारी, अब इतने वर्षों तक भुगतना होगा परिणाम Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Transport: बेतिया डीटीओ का ट्रांसफर...करप्शन में लिप्त 'महिला एमवीआई' अब भी कुर्सी पर ! 1.20 लाख की मासिक रिश्वतखोरी का ऑडियो लीक होने पर DM ने कराया था केस, परिवहन विभाग से निलंबन की थी सिफारिश Viral News: AI से प्यार, फिर डेट और अब शादी! महिला ने अपने चैटबॉट बॉयफ्रेंड से की सगाई, वायरल हुआ पोस्ट

BJP विधायक के विवादित बोल,मजहब सिखाता है जो तुम्हारी बात न माने उसे काट दो...

1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 Nov 2020 01:29:59 PM IST

BJP विधायक के विवादित बोल,मजहब सिखाता है जो तुम्हारी बात न माने उसे काट दो...

- फ़ोटो

DARBHANGA :मधुबनी के बिस्फी से बीजीपे के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि एक संप्रदाय के लोगों के लिए वे खूब काम करते हैं, खून देते हैं पर वह उन्हें वोट नहीं करता क्योंकि वह बीजीपी से आते हैं. 

विधायक हरिभूषण ठाकुर दरभंगा में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति पर्व समारोह के दूसरे दिन कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे थे जहां उन्होंने मंच से जनता को संबोधित भी किया. 

इसी दौरान हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना दुनिया में सबसे बड़ा झूठ है, मजहब खूब सिखाता है आपस में बैर करना, मजहब सिखाता है कि कोई आपकी बात नहीं मानता है तो काट दो, रेप कर दो. लेकिन हमारी संस्कृति सिखाती है कि पत्थर में भी भगवान हैं, हर चीज में देवता हैं. पांच सौ साल पहले तुलसीदास ने लिखा कि जड़-चेतन सबमें भगवान हैं. हम राम-कृष्ण, गीता, आदि शंकराचार्य और विद्यापति को मानने वाले लोग हैं लेकिन जब इनकी चर्चा करते हैं तो लोगों को लगता है कि ये हमारे मज़हब के दुश्मन हैं. हो सकता है कि 47 के पहले, 69-71 से पहले बांग्लादेश में भी विद्यापति पर्व मनाया जाता हो, होली-दिवाली, रामायण, गीता कश्मीर में भी हुआ करते थे लेकिन अब कहां हैं. हो सकता है कि सौ-दो सौ साल में दरभंगा से भी चले जाएं इसलिए सभी लोग संकल्प लें कि मर जाएंगे, कट जाएंगे लेकिन अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ेंगे.'