क्या यही शराबबंदी है? पेट्रोल के टैंकर से 10 लाख की विदेशी शराब बरामद झारखंड में रेल हादसा: दीवार तोड़ खड़ी ट्रेन से टकराई मालगाड़ी, मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? पटना में गोल इंटरनेशनल स्कूल का भव्य शुभारंभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नए युग की शुरुआत Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट अरवल में DM अभिलाषा शर्मा ने मतगणना केन्द्र का किया निरीक्षण, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का भी लिया जायजा
1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Jun 2021 02:20:15 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : रविवार को आये बीपीएससी के नतीजों को लेकर सियासत गरमाने लगी है। बीपीएससी रिजल्ट में कटऑफ को लेकर पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए और अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार किया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तेजस्वी यादव को जम कर निशाने पर लिया।
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि बीपीएससी का रिजल्ट देख कर हमारे नवीं पास नेता जी को पेट में जबरदस्त दर्द हो रहा है। उनकी पीड़ा यह है कि पिछड़ों का कट ऑफ मार्क सामान्य वर्ग के बराबर कैसे हो गया। कह रहे हैं कि फिर रिजर्वेशन से क्या फायदा है। यानी 9वीं पास नेता जी बहुत खुश होते कि अगर सामान्य वर्ग के 535 के बदले पिछड़े वर्ग का 250 पर सेलेक्शन होता।
संजय जायसवाल ने कहा है कि तेजस्वी के पिताजी ने बहुत मेहनत से चरवाहा विद्यालय बनाया था और जीवन भर पिछड़ों को लाठी में तेल पिलाने की ही राजनीति समझाते रहे। पढ़ाई के मामले में भी वह अपने समय के सरकारी नौकरियों की तरह पक्के समाजवादी थे। न तो वह चाहते थे कि बिहार के बेटे पढ़ाई करें और ना ही उन्होंने अपने बेटों को पढ़ाया। आज जब अपनी मेहनत से गरीब-पिछड़ों के बेटे, सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए हैं तो इनको अपना राजनितिक भविष्य समाप्त होता दिख रहा है। आज अनुसूचित जनजाति के बच्चे 514 और अनुसूचित जाति के बच्चे भी 490 अंक पर चयनित होकर अन्य वर्गों के पास पहुंच चुके हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि बाबा साहब भीमराव आंबेदकर का यही सपना था जिसे आज के युवा जमीन पर उतार रहे हैं। मेडिकल परीक्षा में 80 के दशक में 20% आरक्षण लड़कियों के लिए होता था और सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में लगभग 40% नंबर का अंतर था। लेकिन 90 के दशक में मेडिकल कॉलेज में स्थितियां ऐसी हो गई कि महिलाओं का आरक्षण 20% से घटाकर 3% करना पड़ा क्योंकि बेटियां 65% सीटों पर हो जाती थीं।
आज यह देखना बहुत ही सुखद है कि सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग का एक बराबर कट ऑफ लिस्ट है। अनुसूचित जाति वर्ग भी थोड़े ही अंतर पर खड़ा है। अगले 5 सालों में यह भी खत्म हो जाएगा। बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब अनारक्षित अथवा आरक्षित वर्ग के बच्चे एक बराबर कट ऑफ मार्क लेकर इस देश को आगे बढ़ाएंगे। हां, इससे केवल जाति के नाम पर वैमनस्य फैलाने की राजनीति करने वाले नेतागण सदा के लिए समाप्त अवश्य हो जाएगें।