Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के बाद बिहार के इस प्रसिद्ध मंदिर की बढ़ाई गई सुरक्षा, रखी जा रही सख्त निगरानी Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के बाद बिहार के इस प्रसिद्ध मंदिर की बढ़ाई गई सुरक्षा, रखी जा रही सख्त निगरानी Bihar School Mobile Ban: बिहार के स्कूलों में छात्रों के मोबाइल पर लगा बैन, शिक्षा विभाग ने जारी किया सख्त निर्देश; जानें क्या है वजह Muzaffarpur train incident : वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस में मची अफरा-तफरी, ब्रेक वाइंडिंग की खामी से उठा धुआं, 25 मिनट रुकी रही ट्रेन Bihar Election : तेज प्रताप यादव बोले– महुआ अब हमारे नाम से जाना जाता है, महिलाओं की बढ़ी भागीदारी से होगा बदलाव Delhi Blast Case: दिल्ली कार धमाके की जांच का जिम्मा अब NIA के हवाले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की हाई लेवल मीटिंग Delhi Blast Case: दिल्ली कार धमाके की जांच का जिम्मा अब NIA के हवाले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की हाई लेवल मीटिंग पाकिस्तान में कार धमाके से अब तक 12 लोगों की मौत, दो दर्जन घायल, रक्षा मंत्री ने काबुल को जिम्मेदार ठहराया Bihar Election 2025: “मन गदगद है, मेरे बिहार ने कमाल कर दिखाया है", वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर तेजस्वी यादव का बयान Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग के बीच अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार, जानिए.. क्या है वजह?
1st Bihar Published by: Updated Sat, 25 Jun 2022 12:29:46 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बीपीएससी क्वेश्चन पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड शक्ति सिंह की गिरफ्तारी के बावजूद जनता दल यूनाइटेड ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। दरअसल, शक्ति सिंह जेडीयू का नेता है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जब जेडीयू में विलय हुआ था तो शक्ति सिंह भी जेडीयू की सदस्यता लेकर पार्टी में आ गया था। गया के जिसे इवनिंग कॉलेज से प्रिंसिपल और सेंटर सुपरिटेंडेंट होने के नाते उसने बीपीएससी पेपर को लीक किया, उसे जेडीयू के नेता बेहद अच्छे से जानते हैं। उपेंद्र कुशवाहा से लेकर मंत्री अशोक चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ वाली तस्वीरें शक्ति सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर रखी है।
हैरत की बात यह है कि शक्ति सिंह की गिरफ्तारी के कई घंटे गुजर जाने के बावजूद अब तक जनता दल यूनाइटेड नेतृत्व ने उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। क्या जेडीयू के बड़े नेता शक्ति सिंह को बचाने में जुटे हुए हैं। यह सवाल भी उठना शुरू हो गया है, हालांकि मीडिया मैनेजमेंट का खेल शुक्रवार को ही शुरु हो चुका था। शक्ति सिंह की गिरफ्तारी के बाद जब आर्थिक अपराध इकाई ने यह जानकारी आधिकारिक तौर पर साझा की तो राजधानी पटना के मेनस्ट्रीम मीडिया में आरोपी शक्ति सिंह का न्यू कनेक्शन सामने ना आ पाए इसके लिए मैनेजमेंट का खेल शुरू हो गया।
पटना के तमाम अखबारों और दूसरे समाचार माध्यमों में इस खबर को हल्के तरीके से दिखाया गया। शक्ति सिंह को प्रिंसिपल बताते हुए खबर तो सामने आई लेकिन उसका जेडीयू कनेक्शन राजधानी के प्रमुख अखबारों में नजर नहीं आया हालांकि कुछ दैनिक अखबारों में गया के एडिशन में जेडीयू नेता के तौर पर शक्ति सिंह की पहचान उजागर की गई लेकिन जो खबर राजधानी पटना में दिखनी चाहिए थी उसे गया तक ही रोककर मैनेज किया गया। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या शक्ति सिंह का रसूख इतना बड़ा है कि गिरफ्तारी के बावजूद उसे जेडीयू में बनाकर रखा गया है।