BPSC Protest: गांधी मैदान में छात्र संसद की नहीं मिली अनुमति, PK के साथ धरना पर बैठने वाले थे BPSC से री एग्जाम की मांग कर रहे अभ्यर्थी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 29 Dec 2024 07:33:35 AM IST

BPSC Protest: गांधी मैदान में छात्र संसद की नहीं मिली अनुमति, PK के साथ धरना पर बैठने वाले थे BPSC से री एग्जाम की मांग कर रहे अभ्यर्थी

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PATNA : बीपीएससी अभ्यर्थियों को गांधी मैदान में छात्र संसद कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई। अपर जिला दंडाधिकारी ने जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती को पत्र के जरिए इसकी सूचना दी है। पत्र में लिखा है कि आपका पत्र 28 दिसंबर 2024 को शाम साढ़े पांच बजे प्राप्त हुआ, लेकिन गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समक्ष किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाती है। 


वहीं, अपर जिला दंडाधिकारी ने अनुमति नहीं देने का कारण भी बताया है। इसमें कहा गया है कि गांधी मैदान के किसी भी हिस्से में कोई भी कार्यक्रम करने के लिए पटना प्रमंडल आयुक्त के यहां 45 दिन पहले आवेदन देना पड़ता है। इसके अलावा अपर जिला दंडाधिकारी ने बताया कि पटना के गांधी मैदान में अभी डिजनीलैंड मेला, कश्मीरी ऊलेन मेला का आयोजन हो रहा है।  इसके अलावा कृषि विभाग बागवानी महोत्सव की तैयारी चल रही है।इसके साथ ही सरस मेला ख़त्म हुआ है तो जगह -जगह पर बांस-बल्ले भी रखे हुए हैं। ऐसे में गांधी मैदान में कहीं पर भी जगह उपलब्ध नहीं है। 


मालूम हो कि, BPSC 70वीं पीटी परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर BPSC अभ्यर्थियों का दोपहर 12 बजे से रविवार को गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना प्रदर्शन होने वाला था। कार्यक्रम का नाम दिया गया है 'छात्र संसद'. इसमें जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी शामिल होते। वहीं बिहार लोक सेवा आयोग अपने पुराने स्टैंड पर कायम है कि पूरी परीक्षा रद्द नहीं होगी। 


इधर, शनिवार को ही शाम में बिहार लोक सेवा आयोग ने एक प्रेस रिलिज जारी करके कह दिया है कि हमारे पास पूरे बिहार की परीक्षा को रद्द किए जाने का कोई भी प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार की परीक्षा रद्द किए जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। चार जनवरी को बापू सभागार की परीक्षा होगी और अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वह मुख्य परीक्षा में लग जाएं। प्रेस रिलिज में यह भी कहा गया कि अभी तक बीपीएससी की पूरे बिहार की परीक्षा को रद्द किए जाने को लेकर जो कुछ कहा जा रहा है। उसके पक्ष में एक भी सबूत आयोग के सामने पेश नहीं किया गया है, इसीलिए आयोग का मानना है कि इस संबंध में कोई भी विचार या प्रस्ताव विचाराधीन ही नहीं हैं।