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1st Bihar Published by: Updated Fri, 18 Dec 2020 06:40:45 PM IST
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PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत स्वास्थ्य विभाग से कार्यान्वित होने वाली योजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई.
समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत विभाग से जुड़ी योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति एवं उसके नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों के साथ-साथ कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की स्थिति में सप्लाई चेन सिस्टम की भी विस्तृत जानकारी दी। बाल हृदय योजना के अंतर्गत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की निःशुल्क उपचार की व्यवस्था, टेलीमेडिसीन के माध्यम से गांव-गांव तक लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए बेहतर व्यवस्था, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमण्डल अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर एवं विस्तारित करना, एंबुलेंस सेवा का विस्तार तथा विभाग द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे अन्य कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।
कोरोना नियंत्रण के लिए हुआ बेहतर काम
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बेहतर कार्य किए गए हैं। बड़ी संख्या में टेस्टिंग होने से संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी मदद मिली है। जब तक वैक्सीनेशन न हो जाए तब तक कोरोना संक्रमण की जांच इसी तरह मेंटेन रखें। वैक्सीनेशन के लिए स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था रखें। वैक्सीनेशन कार्य में मैन पॉवर का समायोजन इस प्रकार हो कि अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी सुचारु रुप से चलती रहें। हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, प्राथमिकता वाले एज ग्रुप, जनप्रतिनिधि, सभी सरकारी कार्यों से जुड़े हुए लोग, संविदाकर्मी, दुकानदार, व्यवसायी समेत इस तरह के जो भी वनरेबुल ग्रुप हैं उन सबों के लिए वैक्सीनेशन की व्यवस्था पहले हो। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो की तर्ज पर पूरी सजगता के साथ वैक्सीनेशन का कार्य बेहतर तरीके से हो। जिलाधिकारी के स्तर पर प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग भी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल हृदय योजना के अंतर्गत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की निःशुल्क उपचार की व्यवस्था के लिए कार्य करें। इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी और आईजीआईएमएस में हृदय उपचार को और बेहतर किया जाए। जरुरी रिसोर्सेज की उपलब्धता हो ताकि बेहतर उपचार हो सके। बिहार यूनिवर्सिटीज ऑफ हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता से प्रतिदिन इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। लोगों को मुफ्त में दवाई दी जा रही है। गांव-गांव तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर जरुरी काम किये जा रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमण्डलीय अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर और विस्तारित करने के लिए योजनाओं पर तेजी से काम करें। सभी क्षेत्रों में आकलन करवा लें कि कोई क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधा से वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसीन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमण्डलीय अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों को जोड़ने से लोगों को चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। इससे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा मोतियाबिंद जैसी अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में तत्परता आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का नियमित एवं बेहतर संचालन किया जाए ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। एंबुलेंस सेवा का और विस्तार करें, जिससे मरीजों को निर्धारित समय में एंबुलेंस सुविधा का लाभ मिल सके। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, प्रबंध निदेशक बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना कॉरपोरेशन लिमिटेड प्रदीप कुमार झा, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक श्री मनोज कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।