ब्रेकिंग न्यूज़

India-Pakistan war: बिहार में हाई अलर्ट के बीच मुख्य सचिव ने बुलाई अहम बैठक, DGP समेत सभी रेंज के बड़े पुलिस अधिकारी होंगे शामिल India-Pakistan war: बिहार में हाई अलर्ट के बीच मुख्य सचिव ने बुलाई अहम बैठक, DGP समेत सभी रेंज के बड़े पुलिस अधिकारी होंगे शामिल JD Vance: भारत-पाकिस्तान तनाव पर अमेरिका का बड़ा बयान, सीधे शब्दों में कहा "हमें कोई लेना-देना नहीं" Bihar Crime News: बाइक चोर गिरोह का पुलिस ने किया खुलासा, गिरफ्त में आए गैंग के 9 शातिर सदस्य Bihar News: रोजगार सृजन में बिहार ने देश के बड़े राज्यों को पछाड़ा, जानिए.. हासिल किया कौन सा रैंक? Bihar News: रोजगार सृजन में बिहार ने देश के बड़े राज्यों को पछाड़ा, जानिए.. हासिल किया कौन सा रैंक? Bihar News: पटना के आसपास बालू भंडारण में बड़ा खेल..! पटना हाईकोर्ट के वकील ने खान विभाग के प्रधान सचिव को भेजा पत्र, EOU से जांच की मांग Media Advisory: रक्षा मंत्रालय की मीडिया को सख्त चेतावनी, मत करें यह काम वरना भुगतना पड़ेगा अंजाम Bihar Co: महिला CO के खेल को DM ने पकड़ लिया, शिकायत के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लिया यह एक्शन Bihar education department: , मौत के दो साल बाद भी नहीं मिली शांति! बिहार में शिक्षा विभाग ने मृतक से मांगा स्पष्टीकरण!

CM Nitish Yatra: नीतीश कुमार की यात्रा से विपक्ष बेचैन क्यों है ? 'तेजस्वी' समेत पूरे विपक्ष का भविष्य जो अंधकारमय हो रहा, लालू-राबड़ी राज में होता था- टेंगरा लाओ रे, सिंघिन भूंज रे, मीट बनाओ और लौंडा नाच कराओ

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 26 Dec 2024 11:36:35 AM IST

CM Nitish Yatra: नीतीश कुमार की यात्रा से विपक्ष बेचैन क्यों है ? 'तेजस्वी' समेत पूरे विपक्ष का भविष्य जो अंधकारमय हो रहा, लालू-राबड़ी राज में होता था- टेंगरा लाओ रे, सिंघिन भूंज रे, मीट बनाओ और लौंडा नाच कराओ

- फ़ोटो

CM Nitish Yatra: आखिर नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा से बिहार का विपक्ष इतना बेचैन क्यों है ? पहले इन लोगों ने नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलायीं , गलत नरेटिव बनाने का प्रयास किया और जब उनके सारे हथियार धराशाई हो गए तो अब अनर्गल प्रलाप पर उतर गए । इसका जवाब जेडीयू ने दिया है. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा कहते हैं,'' मुझे लगता है विपक्ष का बेचैन होना स्वाभाविक भी है.'' इसलिए की 2005 में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में राजनीतिक खेल के नियम ही बदल दिए हैं और बदले नियमों के तहत बिहार में राजनीति करना विपक्ष के लिए दिनों दिन मुश्किल होते जा रहा.नीतीश कुमार को मिलनेवाला प्रत्येक चुनावी आशीर्वाद लालू-तेजस्वी समेत पूरे विपक्ष की संभावनाओं को क्षीण से क्षीणतर करते जा रहा,भविष्य अंधकारमय बनाते जा रहा । 

लालू-राबड़ी राज में....लौंडा नाच कराओ, कुर्ताफाड़ होली खेलो और जोगीरा सा रा रा...

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता नवल शर्मा कहते हैं कि 1990 से 2005 के बीच का नियम था कुछ काम मत करो,  केवल राज भोगो. टेंगरा लाओ रे, सिंघिन भूंज रे, मीट बनाओ ,  लौंडा नाच कराओ , कुर्ताफाड़ होली खेलो और जोगीरा सा रा रा करते रहो. जब जनता के लिए कुछ करने की बारी आए तो खाली भावनात्मक डायलॉग मार-मार के, बात बना-बना के, लोगों को भ्रमित किए रखो. कोई विकास पूछे तो बोलो कि विकास से कहीं वोट मिलता है ?  रोड मांगे तो बोलो की पक्की रोड से गरीबों के पैरों में छाले पड़ जाएंगे । बाढ़ में लोग बर्बाद होने लगें  तो बोलो की गंगा मैया तुम्हारे घर आई हैं । उससे भी मन नहीं भरे तो निकल पड़े  पूरे अमले के साथ गरीबों की बस्ती में और  शुरू कर दिए बाल कटाओ, नहाओ , सिंदूर टिकली बांटो  की नौटंकी. पढ़ाई लिखाई की बात आए तो चरवाहा विद्यालय खोल दो. एक लाइन में कहा जाए तो '' लैश लो और लूटो "यही पुराने नियम थे और जब लूट में जेल जाने लगे तो लोगों को बताओ कि कृष्ण का जन्म भी जेल में हुआ था । यह सारे नियम 15 वर्षों तक चलते रहे । 

नीतीश कुमार के पदार्पण ने पुराने खिलंदड़ नियमों को ध्वस्त कर दिया

 जेडीयू प्रवक्ता आगे कहते हैं कि 2005 में नीतीश कुमार के पदार्पण ने इन सारे पुराने खिलंदड़ नियमों को ध्वस्त कर दिया. अब नेतृत्व और राजनीति करने के तरीके दोनों में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं. ऐसे बदलाव जिसके लिए लोग व्याकुल थे । नेतृत्व के स्तर पर एक भ्रष्ट,घोटालेबाज,गैर जिम्मेवार , खिलंदड़ और अनपढ़ नेतृत्व के स्थान पर एक बेहद पढ़ा लिखा , सभ्य , संजीदा , ईमानदार और विकास के प्रति जुनून की हद तक समर्पित नेतृत्व । अब जो नई राजनीतिक कार्यसंस्कृति विकसित हुई उसमें यह तय हो गया कि अगर आपको बिहार की राजनीति करनी है तो " माई और बाप "  समीकरण को छोड़कर विकास के मुद्दे पर आना होगा ।  अब बिहार की जनता उसी के पीछे भागेगी जिसकी छवि साफ सुथरी और ईमानदार होगी और जो काम करने वाला होगा। 

तेजस्वी को सीखने का मौका मिला पर आलतू-फालतू चीजों में लगे रहे

और यही हो रहा है. इसीलिए पुराने जातीय समीकरण के सहारे राजनीति करनेवालों का स्पेस सिमटते जा रहा और नीतीश कुमार हैं कि उनका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा । तेजस्वी यादव को दो दो बार उपमुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के  सानिध्य का मौका भी मिला , पर उनसे कुछ सीखने के बजाय आलतू-फालतू चीजों में लगे रहे .अब भी वक्त है विपक्ष अपने को सुधार ले, क्योंकि अब बिहार के मतदाताओं ने पिछले उन्नीस वर्षों में अपना टेस्ट बदल लिया है.