Joe Root: भारत के खिलाफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से महज 2 कदम दूर रूट, स्टीव स्मिथ को इस मामले में छोड़ेंगे पीछे Bihar Rain Alert: लगातार आंधी-तूफान और तेज बारिश के लिए कमर कस लें, मौसम विभाग का डबल अलर्ट जारी Bihar News: रेरा बिहार का नया कदम, रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट्स को मिलेगा QR कोड; पारदर्शिता होगी सुनिश्चित Bihar News: रेरा बिहार का नया कदम, रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट्स को मिलेगा QR कोड; पारदर्शिता होगी सुनिश्चित Bihar Crime News: बिहार में 16 साल की प्रेग्नेंट लड़की की हत्या, संदिग्ध हालत में शव मिलने से सनसनी Bihar Crime News: बिहार में 16 साल की प्रेग्नेंट लड़की की हत्या, संदिग्ध हालत में शव मिलने से सनसनी सात फेरों से पहले प्रेमी संग भागी दुल्हन, छोटी बहन से कराई गई शादी Ameesha Patel: 50 वर्षीय अमीषा पटेल अब तक क्यों हैं कुंवारी? शादी न होने के पीछे है यह विशेष कारण बेतिया में सड़क हादसे में रिटायर्ड फौजी की मौत, गुस्साए परिजनों ने पुलिस से की मारपीट Bihar News: एक करोड़ मीटर कपड़े का पोशाक बनाएंगी जीविका दीदियां, नीतीश सरकार ने बनाया बड़ा प्लान
1st Bihar Published by: Updated Fri, 22 Jul 2022 08:44:19 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि विश्वविद्यालयों का यह बहाना नहीं चलेगा कि शिक्षकों की कमी है या विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचते हैं. मौजूदा शिक्षक छात्रों को ठीक से नहीं पढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई नियुक्तियां की जाएगी, लेकिन जब तक शिक्षक छात्रों को ढंग से नहीं पढ़ाएंगे, उसका क्या लाभ होगा? शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई की रोज माॅनीटरिंग करने का फैसला लिया है.
विजय कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग शिक्षकों की स्थायी तौर पर कमी को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है. लेकिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों के लिए एक ऐसा ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाएंगे, जिससे रोजाना किसने कितनी कक्षाएं ली, क्या पढ़ाया गया, कितने बच्चे आये, इनकी जानकारी शिक्षा विभाग मिलेगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल में विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के अधिकार विश्वविद्यालयों को दे दिये हैं. जिस विषय के शिक्षक कम हैं, उनकी नियुक्ति करें. इसमें दिक्कत क्या है? शिक्षकों की कमी की बात बेमानी है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. इसको सरकार पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों को अब हम स्थायी संबंधन दे रहे हैं. लेकिन उन्हें ईमानदारी से पढ़ाना होगा.
विजय चौधरी ने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचते हैं. जब शिक्षक कक्षा में पहुंचेंगे, तो बच्चे कक्षा में जरूर आयेंगे. उन्होंने कहा कि विवि को शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए जो अनुदान दिया जा रहा है, वह उन्हें समय पर नहीं मिल रहा. यह अक्षम्य लापरवाही है. यह बड़े दुख की बात है कि विवि प्रोत्साहन राशि का सत्यापन भी नहीं कर रहे हैं.