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1st Bihar Published by: Updated Sat, 17 Apr 2021 05:30:56 PM IST
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PATNA : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी तेजी से फैल रही है. इन चीजों को लेकर केवल सरकार को ही दोषी ठहराना सही नहीं होगा. क्योंकि इसके जिम्मेदार कहीं न कहीं हम भी हैं. एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें भी कुछ जिम्मेदारियों को समझना होगा. अपनी जिम्मेदारियों से हम कहीं दूर नहीं भाग सकते. कोरोना के मरीज पहले से कम हो गए थे फिर हमने भी इसे हल्के में लिया. लेकिन अब फिर से इस वायरस का दूसरा लहर शुरू हो चुका है. वैक्सीन भी इस बीमारी के लिए स्थाई दवा नहीं है और हम खुद को अधिक दिनों तक घर में बन्द भी नहीं रख सकते, नहीं तो इस तरह हमारी आर्थिक स्तिथि बिगड़ सकती है.
यदि हम इस बीमारी से खुद को बचाना चाहते है तो उसके लिए सबसे महत्वूर्ण है कि हम फिलहाल सावधानी बरते. क्योंकि यहां बात केवल हमारे जीवन से ही नहीं जुड़ी है. आपके असावधानी के कारण आप अपनो से जुड़े लोगों को भी खतरे में डालेंगे. इसके लिए भिड़-भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचे, मास्क को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, जब भी आप बाहर से घर आते है तो कपड़े बदले और खुद को सैनेटाइज करें.
कोरोना से जुड़े मामले काफी गंभीर आ रहे है. अस्पतालों में मरीज को भर्ती करने की जगह तक नहीं है. लेकिन यदि परिवार के किसी सदस्य में इससे संबंधित हल्के लक्षण दिखाई दे रहे है तो इन मामलों में खुद को होम आइसोलेट किया जा सकता है. कई बार लोग घबरा जाते है और मानसिक तनाव और चिंता को भी आमंत्रित कर लेते है. लेकिन ये गलत है हमें जरुरत है की हम खुद के सोच को साकारात्मक दिशा में रखे इससे शरीर को भी वायरस जैसे चीजों से लड़ने में शक्ति मिलेगी.
होम आइसोलेशन में मरीज को एक अलग कमरे में रख कर उसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है. तो आइए जानते है मरीज को होम आइसोलेट करने का सही तरीका -
1. होम आइसोलेशन से जुड़ी सबसे महत्त्वपूर्ण बातें यह है कि मरीज को वैसे कमरे में रखे हवादार हो। मरीज के हमेशा उपयोग की जाने वाली चीजें जैसे बर्तन, कपड़े, तौलिए, नेल कटर, आदि अलग हो और घर के बाकी सदस्यों और बच्चो के संपर्क से भी दूर रहे। हमेशा मरीज तीन लेयर वाले मास्क को पहने रहें। होम आइसोलेशन की अवधि 14 दिनों की होती है और इस बीच मरीज के लक्षण पर नजर रखें। धुम्रपान, और शराब सेवन करने वाले मरीजों को इस तरह की नशीली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए तथा डॉ. के सलाह के अनुसार दवाईयों को सही समय पर लेना चाहिए। मरीज का तापमान 100 फॉरेनहाइट से अधिक ना हो, और ऑक्सीजन का स्तर Sp02 तथा रेट 95% से कम ना हो। यदि मरीज की स्तिथि 14 दिनों तक इससे अधिक नहीं बिगड़ती है और सुधार होता है तो डॉ. के परामर्श से होम आइसोलेशन को खत्म किया जा सकता है।
2. मरीज के डायट पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। मरीज का खाना प्रोटीन और विटामीन से भरपूर हो तथा पानी 4 से 5 लीटर पिए। खाने में कालेस्ट्रोल की मात्रा अधिक ना हो और दूध दही कम फैट वाले हों। मरीज को अधिक तला भूना खाना देने से बचे, नॉन वेज सप्ताह में दो से तीन बार से ज्यादा ना खाए, जंक फूड से परहेज़ करें।
3. होम आइसोलेशन के दौरान अकेले रहने के कारण कई बार स्ट्रेस और टेंशन के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ता है ऐसे में लोगों को वीडीयो कॉल के जरिए अपने रिश्तेदार और दोस्तो से जुड़े रहने की जरूरत है। साथ हीं साथ अपने पसंदीदा किताबों को भी पढ़ सकते है। इस तरह आप मानसिक तनाव से दूर रह सकेंगे।