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1st Bihar Published by: Updated Wed, 05 May 2021 06:30:26 PM IST
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PATNA : कोरोना से निपटने के नाम पर बिहार सरकार ने सूबे के विधायकों औऱ विधान पार्षदों के फंड से दो-दो करोड़ रूपये ले लिये हैं. अब RJD और कांग्रेस को ये आशंका सता रही है कि विधायक फंड से लिये गये 600 करोड़ रूपये से ज्यादा राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकती है. इस पैसे का बंदरबांट हो सकता है. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को इससे आगाह करते हुए पत्र लिख दिया है.
तेजस्वी का नीतीश के नाम पत्र
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए सभी विधायकों औऱ विधान पार्षदों के फंड से दो-दो करोड रूपये ले लिये हैं. हालांकि आऱजेडी के विधायकों ने पहले से ही अपने क्षेत्र के अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए ऑक्सीजन, बेड, मास्क, दवा जैसी चीजों के लिए अपने फंड से पैसे दिये हैं. आरजेडी ने तो अपने पार्टी कार्यालय औऱ नेता प्रतिपक्ष ने अपने आवास को कोरोना आईसोलेशन सेंटर के रूप में उपयोग करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है.
पहले भी विधायक फंड की राशि की हुई थी लूट
तेजस्वी ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले साल भी सरकार ने विधायक फंड से सैकड़ों करोड़ रूपये कोरोना से निपटने के लिए ले लिये थे. लेकिन उस पैसे का सदुपयोग नहीं हुआ. सबको मालूम है कि वह पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. चारो ओर से ये खबर आयी कि फर्जी जांच, क्वारंटाइन औऱ आइसोलेशन सेंटर में रह रहे लोगों को कुछ भी नसीब नहीं हुआ औऱ सरकारी अधिकारियों ने पैसे की जमकर लूट औऱ बंदरबांट कर ली. विधानमंडल के पिछले सत्र में भी विधायकों औऱ विधान पार्षदों ने सरकार को इसकी जानकारी दी थी. लिहाजा इस दफे विधायक चाहते हैं कि उनके फंड की राशि का पहले की तरह लूट न हो.
विधायकों की अनुशंसा पर खर्च हो राशि
तेजस्वी ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार ने विधायकों के फंड से जो पैसे लिये हैं वह उनकी ही अनुशंसा पर खर्च हो. विधायकों के फंड का पैसा उनके क्षेत्र में ही कोरोना महामारी से निपटने पर खर्च हो. भले ही काम सरकार, जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी करायें.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि विधायक जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि होते हैं. वे जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं. महामारी की इस स्थिति में जनता चाहती है कि उसके जनप्रतिनिधि उन्हें महामारी से बचने का साधन उपलब्ध करायें. आम लोग अपने विधायक के घऱ या दफ्तर में जाकर गुहार लगाते हैं लेकिन वे सरकारी अधिकारियों के पास इस तरीके से नहीं जा सकते.
स्वास्थ्य विभाग बजट की ही राशि खर्च नहीं कर पा रहा
तेजस्वी ने कहा है कि बिहार का स्वास्थ्य विभाग अपने बजट के पैसे को तो खर्च ही नहीं कर पा रहा है. जो खर्च हो भी रहा है उसमें से ज्यादातर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में भी स्वास्थ्य विभाग अपने बजट की राशि खर्च नहीं कर पाया. इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग का बजट, मुख्यमंत्री राहत कोष, पीएम केयर्स फंड का पैसा भी तो है.
NDA सांसदों का पैसा लें
तेजस्वी ने कहा है कि बिहार से एनडीए के 39 सांसद हैं. बिहार के सभी लोकसभा सांसदों के सांसद फंड की राशि को बिहार में ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च किया जा सकता है. नीतीश कुमार को ऐसी मांग प्रधानमंत्री से करना चाहिये. नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री से बिहार की जनसंख्या के मुताबिक सारी सुविधायें देने की मांग करनी चाहिये. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से कहा है कि वे विधायक फंड के पैसे को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से रोकें औऱ विधायकों की अनुशंसा पर पैसे खर्च करायें.
कांग्रेस ने भी बोला हमला
उधर कांग्रेस ने भी कहा है कि सरकार बताये कि विधायकों औऱ विधान पार्षदों के फंड से लिये गये पैसे को कहां खर्च किया जायेगा. कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि कोविड से निपटने के लिए पिछली बार भी नीतीश कुमार की सरकार ने सभी विधायकों और विधान पार्षदों से 50-50 लाख रुपये की राशि ली थी. लेकिन उस राशि का किस अस्पताल में, किस क्षेत्र में या किस विधायक के क्षेत्र में वो राशि खर्च की गई है यह कहीं नहीं दिखता है और ना ही सरकार बताती है. अब इस साल जो दो-दो करोड़ रुपये लिए जाएंगे उस हिसाब से कुल विधायकों और विधान पार्षदों की राशि को जोड़ दिया जाए तो सरकार के पास 600 करोड़ रुपये होंगे. सरकार ये बताये कि इतना पैसा कहां खर्च किया जायेगा.