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1st Bihar Published by: Updated Mon, 03 May 2021 07:13:20 AM IST
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PATNA : क्या भीषण महामारी में दौर भी कोई सरकार ताबड़तोड़ झूठी घोषणायें कर सकती है. बिहार में तो ऐसा ही हो रहा है. वह भी कहीं औऱ नहीं बल्कि राजधानी पटना में. सरकार ने एक सप्ताह पहले पटना के IGIMS को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने का एलान कर दिया था.वहीं पटना के PMCH में कोरोना मरीजों के लिए 1200 बेड रिजर्व करने की घोषणा की गयी थी. दोनो घोषणायें हवाई साबित हुई, मरीजों को दोनों अस्पतालों में पहुंचने के बाद ये पता चल रहा है कि सरकार ने उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर दिया.
पटना के IGIMS का हाल जान लीजिये
एक सप्ताह पहले यानि पिछले 27 अप्रैल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ये एलान किया कि पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान IGIMS को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में बदलने का एलान किया. सरकार ने IGIMS में कोरोना मरीजों के लिए 500 बेड उपलब्ध कराने का एलान किया. सीएम की घोषणा के अगले ही दिन बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि IGIMS को अगले 48 घंटों में कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में बदलने का निर्देश दे दिया गया है.
मुख्यमंत्री से लेकर सचिव का एलान झूठा
फर्स्ट बिहार की टीम ने रविवार की रात आईजीआईएमएस में कोरोना के उपचार की जानकारी ली. IGIMS में अबतक सिर्फ 150 मरीजों का ही इलाज होने की जानकारी दी गयी. आईजीआईएमएस के एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि अब तक 500 बेड पर मरीज के इलाज के लिए व्यवस्था ही नहीं हुई है. ना दवा है, ना ऑक्सीजन और ना ही दूसरी व्यवस्था. इलाज हो भी तो कैसे. अभी जितने मरीज भर्ती हैं उनके लिए ही ऑक्सीजन जुटाना बेहद मुश्किल हो रहा है. इस अस्पताल में हर रोज सैकड़ों मरीज आ रहे हैं लेकिन तड़पते हुए वापस लौट जा रहे हैं.
बेकार पड़े हैं IGIMS में वेंटीलेटर
पटना का आईजीआईएमएस बिहार में सरकार का सबसे प्रमुख अस्पताल है. इस अस्पताल का हाल आपको बता देगा कि बिहार के दूसरे सरकारी अस्पतालों में क्या दुर्दशा होगी. IGIMS में राज्य सरकार ने 50 यूनिट वेंटिलेटर उपलब्ध कराया था.लेकिन अब तक उनका उपयोग नहीं हो रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार ने उन्हें वेंटीलेटर तो दे दिया लेकिन उसे चालू करने के लिए जिन चीजों की आवश्यकता है वो दिया ही नहीं गया. कई छोटे-मोटे पार्टस उपलब्ध नहीं होने के कारण वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. हम आपको बता दें कि कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए वेंटीलेटर ही एकमात्र साधन है. जब आईजीआईएमएस जैसे बिहार के सबसे प्रमुख संस्थान में वेंटीलेटर चालू नहीं है तो सूबे के दूसरे अस्पतालों का हाल बताने की जरूरत नहीं है.
PMCH में कहां हैं 1200 बेड
दो दिन पहले राज्य सरकार ने एलान किया था कि PMCH के 75 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित कर दिये जायेंगे. रविवार की रात तक सिर्फ 108 बेड पर कोरोना पेशेंट का इलाज किया जा रहा था. अस्पताल प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. लेकिन सीनियर डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में ना ऑक्सीजन है और ना दूसरी व्यवस्था. सरकार के घोषणा कर देने भर से इलाज की व्यवस्था नहीं हो जाती. रविवार को सैक़ड़ों मरीज पीएमसीएच में भर्ती होने के लिए पहुंचे लेकिन तडपते हुए या तो वापस लौटे या जान चली गयी.