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1st Bihar Published by: Updated Mon, 24 May 2021 07:34:42 AM IST
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PATNA : बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ रही हो लेकिन कोरोना के बाद पहले ब्लैक फंगस और अब एक नई आफत ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। पटना के अस्पतालों में पिछले एक सप्ताह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार कम होने लगी है। वहीं एनएमसीएच में हैप्पी हाइपरक्सिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। हैप्पी हाइपरक्सिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज का ऑक्सीजन लेवल धीरे-धीरे कम होने लगता है।
एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया की एनएमसीएच में भर्ती मरीजों में अधिकतर हैप्पी हाइपरक्सिया के शिकार मरीज हैं। अस्पताल के उपाधीक्षक औषधि विशेषज्ञ डॉ. सतीश कुमार ने बताया की हैप्पी हाइपरक्सिया के मरीजों में धीरे-धीरे ऑक्सीजन लेवल की कमी होने लगती है। ऐसे मरीज कोऑक्सीजन लेवल कम होने का पता नहीं चल पाता है। मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है पर वह समझ नहीं पाता है उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है।
इस बीमारी को हैप्पी हाइपरक्सिया कहते हैं। इसका असर धीरे-धीरे फेफड़ा पर पड़ने लगता है और फेफड़ा में संक्रमण के बाद मरीज की स्थिति गंभीर होने लगती है। इसके बाद परिजन मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज, जो कि ए सिंटोमेटिक होते हैं, उन्हें थोड़ी सी भी सांस लेने में दिक्कत हो तुरंत ऑक्सीजन लेवल की जांच करानी चाहिए। यदि ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे हो तो मरीज को लेकर अस्पताल जाना चाहिए।