ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे

कोरोना से निपटने में सबसे फिसड्डी बिहार ! हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से पूछा- लोगों को बचाने के लिए क्या तैयारी हुई

1st Bihar Published by: Updated Thu, 26 Nov 2020 09:49:25 PM IST

कोरोना से निपटने में सबसे फिसड्डी बिहार ! हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से पूछा- लोगों को बचाने के लिए क्या तैयारी हुई

- फ़ोटो

PATNA :  देश में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ने लगा है. बिहार के कई जिलों में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने की संख्या बढ़ने लगी है. राजधानी पटना में भी हालत अब धीरे-धीरे बिगड़ते जा रहे हैं. ये बातें राज्य राज्य सरकार की ओर से खुद कही गई हैं. हालत को देखते हुए गुरूवार को एक बार फिर से नई गाइडलाइन नीतीश सरकार की ओर से जारी की गई है. लोगों को तमाम एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं.


उधर पटना हाईकोर्ट ने भी नीतीश सरकार से जवाब मांगा है. पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट 8 दिसंबर तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. गुरूवार को जेपी स्वतंत्रता सेनानी दिनेश कुमार सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की.


याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सिटी स्कैन सहित एमआरआई मशीन पीपीपी मोड पर काम कर रही है. इस कारण मरीजों को जांच कराने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार को जो आरटीपीसीआर मशीन की रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें बिहार 15 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान पर है.


उन्होंने न्यायालय को बताया कि कोरोना की जांच में लगभग 40 फीसदी रिपोर्ट सही नहीं होती है. राज्य में आरटीपीसीआर मशीनों की काफी कमी है. जांच भी काफी कम संख्या में हो रही है.