Bihar Chhath Puja: चुनाव के बीच बिहार में छठ महापर्व की तैयारियां तेज, प्रमंडलीय आयुक्त ने पटना के घाटों का किया निरीक्षण Rich Politicians Bihar: बिहार के चुनावी रण में कई करोड़पति, राजनीति में पैसा और हैसियत बना सबसे बड़ा हथियार Chhath Puja 2025: प्रकृति, भक्ति और कृतज्ञता का संगम, जानें क्यों खास है सूर्य देव को दिया जाने वाला अर्घ्य? Bihar News: भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 3 लोग घायल, वाहन चालक फरार Bihar News: मां का पिंडदान करने गयाजी पहुंचे साउथ फिल्मों के एक्टर सुदीप संजीव, विष्णुपद मंदिर में भगवान का लिया आशीर्वाद Bihar News: मां का पिंडदान करने गयाजी पहुंचे साउथ फिल्मों के एक्टर सुदीप संजीव, विष्णुपद मंदिर में भगवान का लिया आशीर्वाद Bihar News: बिहार के इस तटबंध पर होगा पक्की सड़क का निर्माण, खर्च किए जाएंगे कुल ₹139 करोड़ अजब प्रेम की गजब कहानी: चाचा ने भतीजी से किया लव मैरेज, चार साल से चल रहा था अफेयर; रिश्तों की मर्यादा हुई तार-तार Premanand Maharaj Health Update: संत प्रेमानंद महाराज ने केली कुंज आश्रम से दिए भक्तों को दर्शन, जानिए.. ताजा हेल्थ अपडेट Premanand Maharaj Health Update: संत प्रेमानंद महाराज ने केली कुंज आश्रम से दिए भक्तों को दर्शन, जानिए.. ताजा हेल्थ अपडेट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Oct 2023 06:33:07 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को पूरे देश में दशहरा का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। सत्य की असत्य पर जीत के इस पर्व को विजयादशमी कहते हैं। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। मान्यता ये भी है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का इसी दिन वध किया था। दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है।
इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर सोमवार यानी कल शाम 5 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है और दशमी तिथि का समापन 24 अक्टूबर यानी आज दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, दशहरा 24 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
वहीं, इस साल रावण दहन के लिए 24 अक्टूबर को शाम 05.43 मिनट के बाद करना ठीक होगा। दशहरा पर रावण दहन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 07.19 मिनट से रात 08.54 मिनट तक है।
आपको बताते चलें कि, चौकी पर लाल रंग के कपड़े को बिछाकर उस पर भगवान श्रीराम और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद हल्दी से चावल पीले करने के बाद स्वास्तिक के रूप में गणेश जी को स्थापित करें। नवग्रहों की स्थापना करें। अपने ईष्ट की आराधना करें ईष्ट को स्थान दें और लाल पुष्पों से पूजा करें, गुड़ के बने पकवानों से भोग लगाएं।