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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 09 Feb 2024 08:17:00 PM IST
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PATNA: बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर, लालकृष्ण आडवाणी के बाद आज पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव, पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसान नेता चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन को भारत-रत्न देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की। देश में पहली बार 5 लोगों को भारत रत्न मिला। केंद्र सरकार के इस पहल का बीजेपी ने स्वागत किया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव, पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसान नेता चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन को भारत-रत्न देने की घोषणा का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और कहा कि कांग्रेस ने नेहरू-गाँधी परिवार से बाहर के किसी प्रधानमंत्री को भारत-रत्न नहीं दिया।
सुशील मोदी ने कहा कि नेहरू और इंदिरा गांधी ने तो सारा लोकलाज छोड़ कर अपनी सरकार से स्वयं को ही भारत-रत्न दिलवा लिया था। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह और स्वामीनाथन को भारत-रत्न प्रदान करना देश के करोड़ों अन्नदाता किसानों के साथ-साथ कृषि अनुसंधान में लगी प्रतिभाओं का सर्वोच्च सम्मान है। स्वामीनाथन न होते तो देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं होता।
सुशील मोदी ने कहा कि देश में उदार अर्थव्यवस्था के प्रवर्तक और विद्वान राजनेता नरसिंह राव कांग्रेस के प्रधानमंत्री थे, लेकिन वे पार्टी के प्रथम परिवार से नहीं थे, इसलिए अपमानित करने के लिए उनकी अंत्येष्टि दिल्ली में नहीं होने दी गई थी। राव का पार्थिव शरीर उनके गृह प्रदेश भेजा गया।
उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र में कांग्रेस की सरकारें रहीं, तब तक भारत-रत्न और पद्म पुरस्कार नेहरू-गांधी परिवार या इस परिवार के प्रति भक्तिभाव रखने वालों को ही मिलते रहे। भीम राव अम्बेडकर को मरणोपरांत भारत-रत्न तभी मिला, जब गैर-कांग्रेसी सरकार सत्ता में आयी।
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले 10 साल में भारत-रत्न और पद्म पुरस्कारों को यदि परिवारवादी राजनीति से मुक्त न कराया होता, तो महामना मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, कर्पूरी ठाकुर, चरण सिंह और स्वामीनाथन जैसे वास्तविक भारत-रत्न इतिहास के अँधेरे में पड़े रह जाते।