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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Jan 2024 07:19:01 AM IST
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DESK : उर्दू साहित्य के मशहूर सितारे मुनव्वर राना इस दुनिया में नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद रविवार को उनका निधन हो गया। राना के इंतकाल पर देश भर में शोक की लहर है। लोग उन्हें उनके ही शेरों को कोट करते हुए याद कर रहे हैं। मां पर लिखी अपनी शानदार शायरी के अलावा मुनव्वर राना ने जिंदगी और मृत्यु को लेकर ढेर सारे शेर लिखे थे।
दरअसल, मुनव्वर राणा लंबे समय से बीमार थे। उन्हें गले का कैंसर था। उनकी बेटी सोमैया ने बताया कि राणा को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। राणा के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है। राना के बेटे तबरेज राणा ने बताया, ‘‘बीमारी के कारण वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने रविवार रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली।
मालूम हो कि, मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर, 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था। उन्हें उर्दू साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। 2014 में कविता 'शहदाबा' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी शायरी बेहद सरल शब्दों पर आधारित हुआ करती थी, जिसने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया।
उधर, मुनव्वर राणा के निधन पर कई नामचीन हस्तियों ने शोक जताया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक शेर कोट करते हुए लिखा है- तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है, फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है।