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1st Bihar Published by: Updated Mon, 10 Aug 2020 04:13:04 PM IST
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DESK : कोरोना को लेकर अब तक दुनिया में कई स्टडीज हो चुके हैं. इन स्टडीज में कोरोना वायरस और उसके बदलते रूप के बारे में कई जानकारियां सामने आई हैं. इसी तरह के एक शोध में ये बात निकल कर आई है कि कोरोना का खतरा मोटे लोगों को ज्यादा रहता है. हेल्थ एक्सपर्ट को इस बात का डर है कि अगर कोरोना वायरस की वैक्सीन आ भी गई तो वो मोटे लोगों पर उतनी असरदार नहीं होगी. मोटे लोगों में पहले की कई तरह के संक्रमण का खतरा बना रहता है.
पिछली कई स्टडीज में ये पाया गया है कि इन्फ्लूएंजा और हेपेटाइटिस बी जैसी वैक्सीन का असर मोटे लोगों पर कम होता है, जिसकी वजह से वो जल्दी बीमार पड़ते हैं और उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मोटापे की वजह से कभी-कभी उनके कई अंग काम करना बंद कर देते हैं जिससे उनकी मौत भी हो जाती है. मई 2017 की एक स्टडी के अनुसार, हेपेटाइटिस बी वैक्सीन की वजह से मोटे लोगों में बनी एंटीबॉडी पतले लोगों की तुलना में काफी कम हो गई थी.
बर्मिंघम में अलाबामा यूनिवर्सिटी के बायोकेमिस्ट्री प्रोफेसर डॉक्टर चाड पेटिट ने ब्रिटेन के अख़बार डेली मेल को बताया कि, 'ऐसा नहीं है कि ये कोरोना वायरस की वैक्सीन मोटे लोगों पर काम नहीं करेगी लेकिन सवाल ये है कि ये मोटे लोगों पर कितनी प्रभावी साबित होगी. दूसरे शब्दों में कहें तो ये वैक्सीन मोटे लोगों पर काम तो करेगी लेकिन उतनी असरदार नहीं होगी.'
वहीं, अमेरिका के सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, यहां के लगभग 42.4 फीसदी वयस्क मोटापे के शिकार हैं जबकि बच्चों का आंकड़ा 18.5 फीसदी है. ऐसे में ये चिंता का विषय है. मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, स्ट्रोक, दिल का दौरा और यहां तक कि कुछ तरह के कैंसर के लिए भी खतरनाक माना जाता है. गंभीर रूप से अधिक वजन वाले लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. मोटापे की वजह से इनके बॉडी के इम्यून सिस्टम में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से शरीर सही तरीके से वायरस से नहीं लड़ पाता है. पहले भी इस तरह के कई मामले आ चुके हैं जिसमें वैक्सीन लगाए जाने के बाद मोटे लोगों में खराब इम्यून रिस्पान्स देखने को मिला है.
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर डॉक्टर विलियम शेफनर का कहना है कि मोटे लोगों के लिए वैक्सीन के इंजेक्शन का आकार काफी मायने रखता है. आमतौर पर वैक्सीन में 1 इंच सुई का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन मोटे लोगों को वैक्सीन देने के लिए लंबी सुई लगानी पड़ती है. अगर आप इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दे रहे हैं तो ये वास्तव में मांसपेशियों तक पहुंचना चाहिए.