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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 10 Apr 2024 07:14:20 AM IST
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PATNA : बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। अब एक बार फिर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विश्वविद्यालयों के मुद्दों पर आयोजित बैठक में भाग नहीं लिया। ऐसे में इस मीटिंग के आयोजनकर्ता राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बीते एक साल से राज्य के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं समय पर कराने एवं सत्र नियमित करने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं। इसके अच्छे परिणाम भी मिले हैं। मगर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी उच्च शिक्षा को बाधित करने की नियत से यूनिवर्सिटी के सत्र को पटरी पर लाने समेत अन्य कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।
राज्यपाल ने शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारी चाहते हैं कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था फिर से पुरानी स्थिति में आ जाए। राज्यपाल आर्लेकर ने राजभवन में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। उन्होने यह भी कहा कि राजभवन एवं शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय एवं एक साथ मिलकर प्रयत्न करने से ही बिहार के शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कुलपतियों को निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थियों के हित में कार्य करें। परीक्षाएं समय पर आयोजित कराई जाएं, ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं हो।
वहीं, इस बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने एसीएस केके पाठक की शिकायत की। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के बैंक खातों के संचालन पर शिक्षा विभाग की ओर से रोक लगी दी गई है। इसके चलते वेतन एवं पेंशन, आयकर, बिजली बिल, भविष्य निधि, एनपीएस एवं दैनिक कार्यों के साथ-साथ परीक्षाओं के संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आदि कार्य भी बाधित हैं। उन खातों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है, जिनमें सिर्फ विद्यार्थियों के पैसे हैं। इससे व्यावसायिक कोर्स के संचालन में भी दिक्कत आ रही है। विश्वविद्यालय की गतिविधियों का संपादन मुश्किल हो रहा है।
इतना ही नहीं इस बैठक में शामिल हुए कुलपतियों ने बताया कि शिक्षा विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने अथवा उनका वेतन आदि रोकने का कोई अधिकार नहीं है। नियमानुसार सिर्फ कुलाधिपति ही ऐसा कर सकते हैं। शिक्षा विभाग सिर्फ इसकी अनुशंसा कर सकता है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग बिहार में उच्च शिक्षा को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन राजभवन एवं कुलपति इसमें बाधक बन रहे हैं।
उधर, राज्य के अलग -अलग यूनिवर्सिटी के वीसी ने शिक्षा विभाग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीते एक साल से राजभवन एवं कुलपतियों के प्रयास से परीक्षाएं समय पर आयोजित कराई जा रही हैं और सत्र नियमित किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को यह पसंद नहीं है और वे विचलित होकर इसमें बाधा डाल रहे हैं। राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उनके प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति आदि उपस्थित रहे।