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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 10 Feb 2024 06:43:19 AM IST
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PATNA: बिहार की एनडीए सरकार को आगामी 12 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है। सत्ताधारी दल के सभी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में शामिल होना है। इसी बीच अवैध संपत्ति अर्जीत करने के मामले में गिरफ्तार जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जेडीयू एमएलसी ने हाई कोर्ट से फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी, जिससे कोर्ट ने मना कर दिया है।
दरअसल, जेल में बंद जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह ने हाईकोर्ट से 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दौरान बिहार विधानमंडल की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। पटना हाई कोर्ट ने राधाचरण साह की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। राधाचरण साह के वकील ने विश्वासमत के पहले दोनों सदनों के सदस्यों की होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए अनुमति मांगी।
जिसका विरोध करते हुए केंद्र सरकार के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल डॉ. केएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि विश्वासमत में पक्ष एवं विपक्ष के विधायक यानी विधानसभा के सदस्य वोट करते हैं। आवेदक विधान परिषद के सदस्य हैं, ऐसे में इन्हें विश्वासमत में वोट देने का अधिकार नहीं है।
हाई कोर्ट की एकलपीठ ने जेडीयू एमएलसी की अर्जी पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने पूछा कि जब एमएलसी को विश्वासमत की कार्यवाही में भाग नहीं लेना है तो फिर क्यों इसे अतिआवश्यक बताकर सुनवाई का अनुरोध किया गया था।इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 मार्च तय की।