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1st Bihar Published by: Updated Tue, 01 Mar 2022 05:38:27 PM IST
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GAYA: बिहार के गया की एक तस्वीर कुछ दिनों पहले पूरे देश में वायरल हुई थी. इसमें पुलिस ने छोटी लड़कियों औऱ महिलाओं का हाथ बांध कर उन्हें एक मैदान में खड़ा कर रखा था. तस्वीर वायरल होने के बाद बिहार की पूरे देश में फजीहत हुई थी. लेकिन उसी गया पुलिस ने नया कारनामा कर दिया है. गया में आज फिर पुलिस ने बीच सड़क पर एक महिला को बाल खींच कर घसीटा और पीटा. महिला का जुर्म इतना था कि वह सरकारी नौकरी में धांधली का विरोध कर रही थी.
गया के खिजरसराय की घटना
गया के खिजरसराय के डेमा गांव में सोमवार को ग्रामीणों का आमसभा हुई थी, उसी दौरान ये वाकया हुआ. आमसभा में आंगनबाड़ी सेविका की नियुक्ति का फैसला लिया गया. गांव की एक महिला को पांच साल पहले आंगनबाड़ी सेविका पद के लिए चयनित किया गया था लेकिन नियुक्ति पत्र किसी औऱ को दे दिया गया. इसके बाद महिला ने विरोध करना शुरू किया तो पुलिसकर्मियों ने उसे औऱ उसकी सास को जमकर पीटा. पुलिसिया जुल्म का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को भी लाठी के बल पर खदेड़ दिया गया.
SDO साहब की गाडी निकालने के लिए पिटाई
दरअसल डेमा गांव में हुई आमसभा में प्रखंड से लेकर अनुमंडल स्तर के अधिकारी पहुंचे थे. उन अधिकारियों की मौजूदगी में आंगनबाड़ी सेविका को नियुक्ति पत्र दिया गया. उसी दौरान गांव की एक महिला प्रीति देवी बार बार ये कह रही थी कि उसे पांच साल पहले ही चयनित किया गया था और नियुक्ति पत्र किसी और को दिया जा रहा है. लेकिन किसी ने उसकी कुछ नहीं सुनी. जब महिला की बात अधिकारियों ने भी नहीं सुनी तो वह SDO की गाड़ी के पहिए के नीचे लेटकर जान देने पर आमदा हो गयी. एसडीओ की गाडी के सामने लेटी महिला को पुलिस ने घसीटना शुरू कर दिया. ये देख उसकी सास उसे बचाने पहुंची. पुलिस ने दोनों को बाल पकड़ कर घसीटा औऱ जमकर पिटाई की. इससे महिला और उसकी सास जख्मी हो गईं. महिला के समर्थन में बोल रहे गांव के लोगों पर भी पुलिस ने डंडे बरसाए.
आंगनबाड़ी सेविका की नियुक्ति में गडबड़ी
पीडित महिला प्रीति देवी का कहना है कि 2017 में ही आंगनबाड़ी सेविका पद के उसका चयन हुआ था. तय हुआ था कि आमसभा बुलाकर नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. उसके बाद चार दफे आमसभा हुई, पर किसी में भी वार्ड सदस्य, सरपंच नहीं आए. अचानक से इस सोमवार को बुलायी गयी आम सभा में बड़े अधिकारी तक पहुंच गये और उसकी जगह पर दूसरी महिला का चयन करते हुए उसे नियुक्ति पद दे दिया गया. आमसभा में मौजूद प्रीति देवी ने जब इसका विरोध किया तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे धमका कर वहां से भगाने की पुरजोर कोशिश की. लेकिन प्रीति वहां से नहीं हटी और SDO गोपाल प्रसाद की गाड़ी के पहिए के नीचे लेट गई.
इसके बाद पुलिस के जवान वहां पहुंचे औऱ और महिला को जबरन पहिए के नीचे से निकालने के लिए घसीटने लगे. अपनी बहू को बर्बर तरीके से घसीटे जाते देख प्रीति की सास से रहा नहीं गया औऱ वह बहू को बचाने के लिए सामने आयी. इसके बाद पुलिस के जवानों ने दोनों महिलाओं को बाल पकड़ कर घसीटते और धकियाते हुए वहां से हटा दिया. पुलिसिया बर्बरता देख गांव की दूसरी महिलायें भी आक्रोश में आ गयीं तो पुलिस बल ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद डरे लोग वहां से भाग खड़े हुए.