ब्रेकिंग न्यूज़

India-Pakistan Ceasefire: इधर पाकिस्तान ने टेके घुटने, उधर बौरा गया चीन, इस एक बात को पचा नहीं पा रहा ड्रैगन Bihar news: बिना फ्रैक्चर चढ़ा दिया प्लास्टर! बिहार के सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही आई सामने Bihar News: बारात में अवैध हथियार लहरा हीरो बनना पड़ा भारी, वीडियो वायरल होने पर अब होगी तगड़ी खातिरदारी Vigilance Report on corruption in Bihar: दागी अफसरों पर बड़ी कार्रवाई! अब नहीं मिलेगा प्रमोशन, सबसे ज्यादा फंसे इस विभाग के कर्मचारी Bihar News: गया में पुलिस की गुंडागर्दी, आर्मी जवान को पीटा.. कमर में गमछा बांध लाए थाने DRDO Humanoid Robot: बॉर्डर के लिए तैयार किए जा रहे 'आयरन मैन', जवानों की सुरक्षा के साथ दुश्मनों की बर्बादी की पूरी तैयारी Bihar News: सरकारी सिस्टम में बड़ी लापरवाही? 15 अफसरों को मिला नोटिस, 7 दिन में देना होगा जवाब! Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान Bihar job update : बिहार में जल्द होगी 22,089 नर्सों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का ऐलान Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा

85 साल बाद कोसी और मिथिलांचल के बीच एक बार फिर से पटरी पर दौड़ेगी ट्रेन

1st Bihar Published by: PRIYARANJAN SINGH Updated Tue, 14 Jan 2020 12:55:20 PM IST

85 साल बाद कोसी और मिथिलांचल के बीच एक बार फिर से पटरी पर दौड़ेगी ट्रेन

- फ़ोटो

SUPAUL : कोसी और मिथिलांचल के लोगों का इंतजार खत्म होने जा रहा है. 85 साल बाद एक बार फिर से कोसी और मिथिलांचल के बीच पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी.

इस पुल को सरायगढ़ की ओर से रेलवे ट्रैक से जोड़ दिया गया है, सरायगढ़ रेलवे स्टेशन पर कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. रेलवे निर्माण के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बृजेश कुमार ने पहली बार मोटर ट्रॉली से रेल पुल का निरीक्षण किया और संभावना जताई कि 31 मार्च तक इस पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी.


इस पुल का शिलान्यास 6 जून 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने किया था, इस पर करीब 620 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. यह रेल महासेतु 7 साल पहले ही बन गया था, लेकिन इस पर पटरी नहीं बिछाई गई थी, पूरे पुल को बनाने में करीब 16 साल लग गए.

बता दें कि कोसी नदी पर बना पुराना पुल 1934 में आए प्रलयकारी भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था. इस पुल की कुल लंबाई 1.88 किलोमीटर है, इसमें 45.7 मीटर लंबाई के ओपन वेब गार्डर वाले 39 स्पेन हैं. नए पुल का स्ट्रक्चर एमबीजी लोडिंग छमता के अनुरूप डिजाइन किया गया है. अब सकड़ी- झंझारपुर- निर्मली- सरायगढ़- सहरसा- आमान परिवर्तन के तहत कोसी पुल का रेलवे ट्रैक से अब सरायगढ़ होते हुए सहरसा से जुड़ाव हो जाएगा. सहरसा-सुपौल रेल खंड पर आवागमन पहले से ही जारी है. सरायगढ़ से निर्मली की ओर आसनपुर कूपहा हॉल्ट तक 31 मार्च तक ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाने के आसार हैं. इस बाबत स्थानीय लोग, कोसी वासियों और मिथिलांचल के लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि 1934 में आए प्रलयंकारी भूकंप ने मिथिलांचल और कोसी को दो भागों में विभक्त कर दिया था, अब मिथिलांचल और कोसीवासी फिर से जुड़ने जा रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई और मिथिला पुत्र कहे जाने वाले स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र की परिकल्पना पूरी होने जा रही है. वही इस बाबत जानकारी देते हुए पूर्व मध्य रेल के डीआरएम ने बताया कि कोसी महासेतु का काम अंतिम चरण में है.  संभावना है कि 31 मार्च तक इस पुल पर ट्रेन दौड़ने लगेगी.