ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 24 Aug 2023 09:10:51 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि- विपक्षी दलों में गठबंधन में एक नहीं बल्कि अनेक संयोजक होंगे। एक संयोजक को तीन - चार राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में अब लालू के इस बयान को लेकर कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव एलाइंस यानी I.N.D.I.A की अगली और तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होनी है। इस बैठक में देश के 26 राजनीतिक दलों के 80 से अधिक नेता जुड़ेंगे। जिसमें पांच राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल है। इस बैठक में गठबंधन के संयोजक को लेकर चर्चा होनी चाहिए।
ऐसे में इस पद की रेस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है। लेकिन, जब इसको लेकर राजद सुप्रीमों लालू यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, I.N.D.I.A. गठबंधन में एक नहीं, कई संयोजक बनेंगे। लालू ने साथ में यह भी कहा कि ऐसा इसलिए किया जाएगा। जिससे गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच समन्वय ठीक से स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि एक संयोजक को तीन से चार राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इसके बाद अब लालू के इस बयान परअटकलें लगने लगी शुरू हो गयी हैं। इस बयान को कुछ लोग विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच संतुलन बनाने, और बीजेपी की तरह माइक्रो लेवल पर चुनावी तैयारी की रणनीति का संकेत बता रहे हैं तो कुछ नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में भेजकर उनके कद पर कैंची चलाने की कोशिश भी करार दे रहे हैं।
वहीं, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आरजेडी और लालू का लक्ष्य साफ है, वो खुद अपनी दम पर बिहार की सत्ता पर फिर से काबिज होना चाहते हैं। जहां तक संयोजक की बात है, नीतीश कुमार की अस्थिर छवि की वजह से विपक्षी गठबंधन के घटक दलों में उनपर विश्वास का अभाव है और इस अविश्वास की एक वजह हरिवंश भी हैं जो नीतीश से गुपचुप मुलाकात कर जाते हैं और इस मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई? इसे लेकर न तो हरिवंश और ना ही नीतीश कुमार एक लाइन बोलते हैं। हलांकि, बीते शाम जेडीयू ने अपनी नई टीम का एलान कर इन बातों पर थोड़ी रोक तो जरूर लगी है।