1st Bihar Published by: AKASH KUMAR Updated Sun, 22 May 2022 09:54:00 PM IST
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AURANGABAD: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। शराबबंदी कानून को पुलिस और कड़ाई से लागू करवा रही है। शराबबंदी का पालन नहीं करने वाले को पुलिस जेल भेजने का भी काम कर रही है। इसके बावजूद बिहार के किसी ना किसी जिले में ज़हरीली शराब पीने से मौत की खबर सुर्खियों में रहती है। ऐसा ही एक मामला औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के रानीगंज में सामने आई है। जहां जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई है। औरंगाबाद एसपी ने दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। बता दें कि दो दिन पहले भी शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत हुई थी। पिछले दो दिनों में औरंगाबाद में तीन लोगों की मौत जहरीली शराब के पीने से हुई है।
वही परिजनों ने आरोप लगाया है कि शराब पीकर घर आए थे जिसके बाद से उनकी तबीयत खराब हुई थी जिसके बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है और थाने के जमादार को हटा दिया है। एसपी ने बताया कि एसडीपीओ गौतम शरण ओमी के नेतृत्व में 10 टीम बनाकर छापेमारी की जा रही है। सात शराब बेचनेवाले को गिरफ्तार किया है।
इस घटना को लेकर रफीगंज विधानसभा के निर्दलीय प्रत्याशी रहे प्रमोद सिंह ने सरकार को घेरने का काम किया है। पुलिस और उत्पाद विभाग को कटघरे में खड़ा किया है।प्रमोद सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार की शराबबंदी की आड़ में पुलिस और उत्पाद विभाग की मिलीभगत से जहरीली शराब का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है। शराब पीने से लोगो की मौतें हो रही है और सरकार शराबबंदी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ अपना पीठ थपथपा रही है। प्रमोद सिंह ने मृतकों के परिजनों से मिलकर ढाढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि मदनपुर प्रखंड में कृष्णा रविदास-पिता स्व० राजेन्द्र दास निवासी रानीगंज, पिंटू चन्द्रवंशी-पिता सुदामा चन्द्रवंशी निवासी सिंदुआरा और संजय रविदास-पिता धनेश्वर राम जो झारखंड के फुसरो के रहने वाले हैं सभी लोगों की मौत शराब पीने से हुई है। प्रमोद सिंह ने बताया कि मरने वाले सभी लोगों ने शराब का सेवन किया था। शराब पीने से ही इन सभी की मौतें हुई है। मामले का उच्चस्तरिय जाँच की मांग वे कर रहे हैं। प्रमोद सिंह ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण मदनपुर में लगातार जहरीली शराब की बिक्री हो रही है। शराबबंदी केवल नाम की चीज रह गयी है।सिर्फ कागजों पर यह दिख रहा है।